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Rajasthan Election 2023 News: राजस्थान चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस अपना घोषणापत्र जारी कर चुकी है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि “पार्टी केवल वही वादे करती है, जिन्हें वे पूरा कर सकते हैं, चाहे वह केंद्र में हो या राज्य में. कांग्रेस सरकार ने अपने पिछले 95 प्रतिशत वादों को पूरा किया है.”
वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने भी अपने मेनिफेस्टो में कई वादे किए हैं. उसने भी महिलाओं और युवाओं पर इस बार काफी फोकस किया है. दोनों ही पार्टियों के घोषणापत्र जारी होने में सिर्फ एक दिन का अंतर था. यहां हम कांग्रेस और बीजेपी के मेनिफेस्टो को देखकर आपको दोनों के वादों के बीच का अंतर बताएंगे.
कांग्रेस और बीजेपी के घोषणापत्र में अंतर
आपको हम दोनों ही दलों के घोषणापत्र की मुख्य-मुख्य बातें और उनमें मौजूद अंतर बताएंगे.
1. युवाओं के मामले में
कांग्रेस ने घोषणापत्र में पांच साल में 10 लाख रोजगार के अवसर देने का वादा किया है, जिनमें से चार लाख नौकरी सरकारी क्षेत्र में होगी. भाजपा ने अगले पांच वर्षों में 2.5 लाख नौकरियों के साथ-साथ प्रत्येक मंडल में एम्स और आईआईटी की तर्ज पर राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की स्थापना का वादा किया है.
2. किसानों के लिए
भाजपा ने घोषणापत्र जारी करते वक्त कहा था कि 19,400 किसानों की जमीन सरकार ने जब्त कर ली है. पार्टी ऐसे किसानों को मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए एक नीति बनाएगी. इसमें यह भी कहा गया कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक अधिसूचना जारी की जाएगी कि किसी भी कृषि भूमि को जब्त नहीं किया जाएगा. वहीं, कांग्रेस ने इस पर कहा है कि सरकार उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक आयोग बनाएगी, जो कृषि भूमि जब्त करने पर निर्णय लेने से पहले सुनवाई करेगी. कांग्रेस ने एमएसपी को लागू करने के लिए एक कानून बनाने का भी वादा किया है, जिसे न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी अधिनियम कहा जाएगा, जो स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करेगा.
3. महिला सुरक्षा पर
महिला सुरक्षा के लिए कांग्रेस ने सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे और हर गांव और शहरी वार्ड में गार्ड तैनात करने का वादा किया है. इसमें सहकारी संस्थानों के साथ-साथ पुलिस बल में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने का भी वादा किया गया है. वहीं, भाजपा ने हर जिले में एक महिला पुलिस स्टेशन के साथ-साथ एंटी-रोमियो का गठन करने का भी वादा किया है. इसके अलावा कांग्रेस ने परिवार की महिला मुखियाओं के लिए प्रति वर्ष 10,000 रुपये की घोषणा की है, जबकि भाजपा ने लाडो प्रोत्साहन योजना की घोषणा की है, इसके तहत सत्ता में आने पर बीजेपी सरकार एक बालिका के लिए 2 लाख रुपये का बचत बॉन्ड देगी.
4. स्टूडेंट्स के लिए
कांग्रेस ने सरकारी कॉलेजों के प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए मुफ्त लैपटॉप या टैबलेट और मुफ्त अंग्रेजी-माध्यम स्कूली शिक्षा का भी वादा किया है, जबकि भाजपा ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के स्कूली बच्चों को उनके स्कूल बैग, किताबें और वर्दी के लिए 1,200 रुपये देने का वादा किया है.
5. हेल्थ सेक्टर में वादा
स्वास्थ्य क्षेत्र में कांग्रेस ने वादा किया है कि वह मुख्यमंत्री नि:शुल्क चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की मौजूदा 25 लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपये सालाना करेगी. पार्टी ने यह भी वादा किया है कि वह जिला और ब्लॉक स्तर पर सरकारी चिकित्सा संस्थानों में मुफ्त ओपीडी/आईपीडी के तहत सुविधाएं बढ़ाएगी.
दूसरी ओर भाजपा ने राज्य में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए 40,000 करोड़ रुपये का भामाशाह स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा मिशन शुरू करने का वादा किया है. इसमें 350 जन औषधि केंद्र और प्रत्येक जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का भी वादा किया गया है. बीजेपी ने 6,000 मेडिकल सीटें जोड़ने के साथ-साथ 15,000 डॉक्टरों और 20,000 पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती करने का भी वादा किया है.
6. सस्ते गैस सिलेंडर पर
एलपीजी सिलेंडर की बात करें तो भाजपा ने इसे 450 रुपये में उपलब्ध कराने का वादा किया है, जबकि कांग्रेस ने घोषणा की है कि एनएफएसए (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम) और बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणियों के तहत परिवारों को भी सब्सिडी वाला सिलेंडर दिया जाएगा. इसकी कीमत 500 रुपये से कम करके 400 रुपये कर दी गई है.
7. जाति जनगणना को लेकर
इस बार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी का एक प्रमुख चुनावी मुद्दा “जाति जनगणना” है. पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में इसे कराने का वादा किया है. बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में जाति जनगणना का कोई जिक्र नहीं किया है.
8. पेपर लीक मामले पर
कांग्रेस ने भी घोषणा की है कि पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे, जबकि भाजपा ने घोषणा की है कि वह कांग्रेस शासन के दौरान पेपर लीक की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करेगी.
9. हेट स्पीच पर
कांग्रेस ने हेट स्पीच के लिए कड़े कानूनी उपायों का वादा किया है. वहीं, भाजपा ने अपने घोषणापत्र में राज्य में भारत विरोधी स्लीपर सेल की जांच के लिए एक स्पेशल सेल गठित करने का वादा किया है.
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