पीएम विश्वकर्मा योजना कारीगरों के लिए वरदान :: योजना का लाभ दिलाने भाजपा निभायेगी भूमिका – जितेन्द्र वर्मा
दुर्ग। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए संगठनात्मक जिम्मेदारियां तय की गई है, जिसके अंतर्गत जिला भाजपा प्रभारी राजीव अग्रवाल की सहमति से जिला भाजपा अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा द्वारा जिला दुर्ग जिला समन्वयक के रूप में साजन जोसेफ ( बोरसी दुर्ग) एवं सह-समन्वयक के रूप में योगेश निक्की भाले (पाटन) एवं दिलीप गुप्ता (धमधा) की नियुक्ति की गई है।
पीएम विश्वकर्मा योजना को लेकर विधानसभा स्तर पर बेहतर तरीके से कार्य संपादन करने एवं कारीगरों को योजना का अधिक से अधिक लाभ दिलाने के उद्देश्य से हर विधानसभा में संयोजक और सह-संयोजक भी बनाए गए हैं इसी तारतम्य में दुर्ग शहर विधानसभा के लिए संयोजक राजेश वर्मा (केलाबाड़ी दुर्ग) एवं सहसंयोजक गोविंद देवांगन (राजीव नगर दुर्ग) को बनाया गया है, दुर्ग ग्रामीण विधानसभा में उक्त योजना हेतु संयोजक नरेंद्र निषाद (मोहलई) और सह संयोजक
हरीश यादव (डूमरडीह) होंगे, पाटन विधानसभा में संयोजक हर प्रसाद आडिल (ढौर) और सहसंयोजक केवल देवांगन (पाटन नगर) को बनाया गया है, इसी प्रकार अहिवारा विधानसभा हेतु समारू पटेल एवं सहसंयोजक विदेशी साहू को नियुक्त किया गया।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के संबंध में दुर्ग जिले में नियुक्तियां करने के पश्चात जिला भाजपा अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने कहा कि ऐसी महत्वाकांक्षी योजना को जन जन तक पहुंचाने के लिए भाजपा संगठन ने वृहत कार्ययोजना बनाई है। पारंपरिक कौशल रखने वाले कारीगरों को इस योजना का लाभ मिलेगा। मोदी सरकार ने इसके लिए 18 ट्रेड्स से तय किए हैं, जिससे लाभार्थी जुड़ा होना चाहिए। इस योजना के जरिये जहां एक ओर लोगों को खुद का बिजनेस शुरू करने में मदद मिलेगी तो वहीं दूसरी तरफ यह कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता मिलेगी। इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें ऋण दिया जाता है। इस योजना में दो चरण में ऋण दिया जा सकता है। पहला ऋण, 1 लाख रुपये का होता है। वहीं दूसरी चरण में 2 लाख रुपये का ऋण दिया जाता है, यह ऋण 5 फीसदी ब्याज पर दिया जाता है। इस स्कीम में लाभार्थी को ऋण के साथ मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण अवधि में लाभार्थी को 500 रुपये प्रतिदिन का स्टाइपेंड भी मिलता है। इसके अलावा पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड, बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग जैसे स्किल की ट्रेनिंग दी जाती है। साथ ही टूलकिट के लिए 15 हजार रुपये की राशि पृथक से दी जाती है।