‘औरंगजेब’ के बहाने
राजेश कुमार :
देहरादून की नाट्य संस्था ‘एकलव्य’ की प्रस्तुति ‘औरंगजेब’ को एक नाट्य प्रतियोगिता में देखने को मिला । ब्लैक पर्ल ने श्रीराम सेंटर में तीन दिवसीय नाट्य प्रतियोगिता का आयोजन किया था । इस आयोजन में देश भर से नाट्य संस्थाएं आई हुई थी । उन्हीं में से एक संस्था थी, एकलव्य।
एक घंटे की इस प्रस्तुति को निर्देशित किया था अखिलेश नारायण ने । अखिलेश नारायण और उनकी संस्था ‘ एकलव्य’ हिंदी प्रदेश में काफी सक्रिय । ये प्रतिबद्ध होकर रंगकर्म कर रहे हैं । बल्कि हिंदी प्रदेश में यह एक अकेली संस्था है जो निरंतर नाटक के क्षेत्र में प्रतिबद्ध होकर नाटक कर रही है । और केवल करने के लिए नहीं करती है, बल्कि उसकी अपनी एक सामाजिकता होती है ।
इंदिरा पार्थसारथी के तमिल नाटक का शाहिद अनवर द्वारा उर्दू तर्जुमा को अखिलेश नारायण ने समय , काल और स्थान को देखकर किया । भले यह नाटक औरंगजेब की है, लेकिन उसे देख कर लगता है , आज का है। जिस तरह आज सत्ता पर धर्मांधता का वर्चस्व है, सहिंष्णुता को किनारे कर दिया गया है , नाटक में उभर कर आया है । औरंगजेब और दाराशिकोह का जो परस्पर द्वंद है, वह आज भी प्रासंगिक है ।
इस नाटक को उस समारोह में बेस्ट डायरेक्शन का पुरस्कार दिया गया था । बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए दारा शिकोह का अभिनय करने वाले एक्टर को पुरुस्कृत किया गया था । इसमें सारे अभिनेताओं के अभिनय सधा हुआ था ।