वन विभाग मौन क्यों?
Daily Khabar :
गड़चिरोली तहसील के एटापल्ली वन परिक्षेत्र सूरजागढ़ में खुलेआम त्रिवेणी कंपनी के द्वारा पिछले 5 वर्षो में सरकार के द्वारा दी गई जंगल लीज के अतिरिक्त जंगल नष्ट कर खुलेआम कब्जा कर सड़क निर्माण से लेकर पक्के मकान. गिट्टी क्रेशर को रातों रात मंजूरी कैसे दी गई,जाबकी जिले के कई ठेकेदार के द्वारा गिट्टी क्रेशर की मंजूरी के लिए आवेदन कर रखी हैं, उन्हें सालो से मंजूरी नही दी गई।लेकिन त्रिवेणी कंपनी को रातों रात मंजूरी दे दी गई।कही अधिकारी से लेकर वन विभाग की कालाबाजारी घोटाला तो नही ,वैसे अवैध अतिक्रमण लीज से अतिरिक्त जंगलों से खोदकाम कर कच्चा माल. अवैध खनन कैसे कर रही हैं? और वन विभाग के अधिकारी मौन धारण कर कारवाही क्यों नहीं करते? आखिर सरकार के नुमाइंदे जनता के भ्रष्ठ जनसेवक चुप क्यों हैं? जनता जानना चाहती हैं,आखिर वर्षो से स्थाई आदिवासी परिवारों के द्वारा जिस जंगल के देखरेख कर संभाला वही असल हकदार है.
आदिवासी जनता को कैसे मीठी बाते में उन्नति की लालच देकर ठगा जा रही हैं? जल जंगल जमीन के मालिक आदिवासी बहुल को वीकाश के नाम पर कबतक क्षेत्र के जनसेवक से लेकर अधिकारी और एक बाहरी उद्योगपति ठग सकती हैं? पहले आदिवासी जिले के नाम पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के नाम पर ठगी।अब विकास के नाम पर ठगी आखिर ये सरकार अपने और अपने उद्योगपति मित्र के लाभ के लिए कबतक असल मालिक आदिवासी से साथ खेल कर ठगी करती रहेगी? जिले के हर एक दुर्गम गांव के लिए सड़क नही, पुल नही,जो सड़क पुल मंजूर हो रही हैं,उस काम के लिए ठेकेदार के पास वन विभाग की मंजूरी पत्र के बावजूद वन विभाग वन कानून के आड़ में ठेकेदार पर वन गुना दाखल कर जुर्माना ठोक रही हैं। आखिर सरकार दुर्गम क्षेत्र में सड़क पुल निर्माण के नाम पर वन विभाग से ठेकेदार पर कारवाही के नाम पर उगाई का धंधा क्यों कर विकास कामों में बाधा डालने की कमाई में लगी हैं? इससे अच्छा ना सड़क पुल बनाने के मंजूरी दे और ना वन अधिकार के कानून के नाम उगाई का धंधा खोले? बंद करे वैसी विकास के नाम पर उगाई।जनता सालो से ट्रस्ट हैं।।और अब विकास के नाम पर ठेकेदारों पर वन कानून के नाम मानसिक तनाव देकर दुरप्रोयोग करना बंद करे।वरना जिले के सभी ठेकेदार को काम करने में मानसिकता मनोबल कमजोर होगी और विकास काम बाधित होगी। जल्द वैसे अधिकारी पर कारवाही करे जो विकास काम में उगाई का धंधा बनाकर काम को बाधित कर रहे हैं।। जल्द शासन और वन विभाग सुरजागढ़ के त्रीवेंनी के द्वारा जंगल को अतिरिक्त कब्जा पर कारवाही करे।अन्यथा जिले के विकास काम पर कारवाही करने वाले अधिकारी पर कारवाही करे।एसी माग जनता की है.
जिला प्रतिनिधि ज्ञानेंद्र बिस्वास