ग्वालियर: सूरज की चमक और चंबल की धरती की उर्वरता की तरह, कवि सूर्य प्रताप राव रेप्पल्ली का नाम साहित्यिक जगत में अपनी पहचान बना रहा है। उन्हें ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित चंबल अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सम्मानित किया जाएगा। इस महोत्सव में उन्हें उनके साहित्यिक योगदान और उनकी कविताओं के लिए सम्मानित किया जाएगा, जो छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में अपनी विशेष पहचान बना चुकी हैं।
सूर्य प्रताप राव रेप्पल्ली, जो कि मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं, ने महाराष्ट्र में भी अपनी साहित्यिक प्रतिभा का परचम लहराया है। उनकी कविताओं ने दोनों राज्यों के साहित्यिक जगत में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। आपकी कविताओं का संग्रह “कल्पनाओं के पंख” में प्रकाशन भी हो रहा है । इस संग्रह का संपादन योगेंद्र सिंह ने किया है, जो हिंदी साहित्य में एक प्रसिद्ध नाम हैं।
योगेंद्र सिंह ने कहा, “सूर्य प्रताप राव रेप्पल्ली की कविताएं न केवल शब्दों का खेल हैं, बल्कि जीवन के विभिन्न रंगों और भावनाओं का सुंदर चित्रण भी करती हैं। उनकी कविताएं पाठकों को गहराई से छूती हैं और उन्हें सोचने पर मजबूर करती हैं।”
चंबल अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, जो जीवाजी विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है, साहित्य, कला और सिनेमा के माध्यम से सांस्कृतिक आदान-प्रदान और विविधता को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। इस महोत्सव में विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के साहित्यकारों और कलाकारों को सम्मानित किया जाता है।
कवि सूर्य प्रताप राव रेप्पल्ली का यह सम्मान न केवल उनकी साहित्यिक उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र दोनों राज्यों के लिए गर्व का क्षण भी है। रेप्पल्ली की कविताएं, जो मानवीय संवेदनाओं और जीवन के यथार्थ को सहजता से प्रस्तुत करती हैं, ने उन्हें साहित्यिक क्षेत्र में एक विशेष स्थान दिलाया है। उनकी कविताओं का यह संग्रह “कल्पनाओं के पंख” में अन्य लेखकों व कवियों के साथ आपका साहित्यिक सफर में एक नए आयाम का सृजन करता है।
सूर्य प्रताप राव रेप्पल्ली ने इस सम्मान के बारे में कहा, “यह मेरे लिए बहुत ही गर्व का क्षण है। मैं अपने पाठकों और शुभचिंतकों का आभारी हूं जिन्होंने मेरी कविताओं को सराहा और मुझे इतना प्यार दिया। मैं इस सम्मान को अपने राज्य छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के लोगों को समर्पित करता हूं, जिन्होंने हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया है।”
इस महोत्सव में रेप्पल्ली की कविताओं के पाठ के साथ-साथ उनकी रचनाओं पर चर्चा भी की जाएगी, जहां साहित्य प्रेमी और आलोचक उनके काम की सराहना करेंगे और उनकी कविताओं की गहराई को समझने का प्रयास करेंगे।
अंततः, सूर्य प्रताप राव रेप्पल्ली का यह सम्मान साहित्य जगत में उनकी प्रतिष्ठा को और बढ़ाएगा और उनके कविताओं को और अधिक पाठकों तक पहुंचाएगा।