Spread the love
Oplus_131072

भिलाई 20 नवंबर 2025

आईआईटी भिलाई में सेंटर फॉर स्टडीज़ ऑन कल्चर, लैंग्वेज, एंड ट्रेडिशन्स (CCLT) ने फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी (FES) के साथ पार्टनरशिप में 10 से 14 नवंबर 2025 तक इंस्टीट्यूट कैंपस में ‘कल्चरल नैरेटिव्स ऑन कॉमन्स’ नाम का एक रेजिडेंशियल विंटर स्कूल ऑर्गनाइज़ किया। CCLT, छत्तीसगढ़ और आम तौर पर भारत के आदिवासी समुदायों की कल्चरल हेरिटेज, इकोलॉजिकल ज्ञान और स्वदेशी ज्ञान सिस्टम को सामने लाते हुए, सामाजिक रूप से असरदार, एक्शन-ओरिएंटेड रिसर्च को तेज़ करने के लिए काम कर रहा है।

इकोलॉजिकल कॉमन्स हमारे पुरखों से मिली हमारी साझी विरासत है, जो मॉडर्नाइज़ेशन और अर्बनाइज़ेशन की वजह से खतरे में पड़ गई है। इस साल का विंटर स्कूल इस मकसद से डिज़ाइन किया गया था कि कॉमन्स के जीते-जागते अनुभव और सोशियो-कल्चरल सच्चाईयों के बीच मेल को समझा जा सके और साउथ एशियन कॉन्टेक्स्ट में इन्हें कैसे बताया गया है। कोर्स के लिए रिसोर्स पर्सन आईआईटी गांधीनगर से डॉ. अंबिका अय्यादुरई, आईआईटी बॉम्बे से डॉ. पंकज सेखसरिया और बंगाल के जाने-माने लेखक श्री परिमल भट्टाचार्य थे। कोर्स में देश भर से फैकल्टी, डॉक्टरेट स्कॉलर, ज़मीनी स्तर के प्रैक्टिशनर और डेवलपमेंट सेक्टर के प्रोफेशनल शामिल थे।

कोर्स में कबीरधाम ज़िले के पंडरिया ब्लॉक के दमगढ़ गांव का एक फील्ड विज़िट भी शामिल था, जिसमें पार्टिसिपेंट्स ने बैगा कम्युनिटी के एक नेशनल अवॉर्ड-विनिंग टीचर श्री धनीराम कदमिया से बातचीत की। श्री कदमिया ने पार्टिसिपेंट्स को इकोलॉजिकल कॉमन्स और बैगा कम्युनिटी की कल्चरल आइडेंटिटी पर एक टॉक दी, और गांव के चारों ओर नेचर वॉक भी कराई। विंटर स्कूल ने नैरेटिविटी, ज़मीन, कॉमन्स और इकोलॉजी के आपस में जुड़े सवालों पर ध्यान देकर इकोलॉजिकल कॉमन्स के डोमेन में मिलकर पढ़ाने और रिसर्च के नए रास्ते बनाए।

Abhilash Dikshit

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *