

छत्तीसगढ़ की अग्रणी महिला संस्था स्वयंसिद्धा का वार्षिक उत्सव संपन्न हुआ।इस बार इस उत्सव का थीम था छत्तीसगढ़ राज्य रजत जयंती एवं वंदे मातरम के 150 वर्ष।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नवीन शासकीय संगीत महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. ऋचा ठाकुर, विशिष्ट अतिथि फाउंडेशन प्ले स्कूल की प्राचार्य योगिता चावड़ा एवं अध्यक्ष थी ज्योतिष एवं रिलेशनशिप काउंसलर प्रज्ञा त्रिवेदी। इस उत्सव में सर्वश्रेष्ठ समूह का पुरस्कार स्वयंसिद्धा ‘विश्वरूपा’ समूह ने जीता।
स्वयंसिद्ध की रायपुर हेड लेखिका शीलू लुनिया जी की पुस्तक त्रिशक्ति का विमोचन हुआ जो दो बेटियों की माँओं पर आधारित है।
संस्था की निदेशक डॉ. सोनाली चक्रवर्ती ने बताया की विवाहित महिलाओं की प्रतिभा को मंच और सम्मान देने के लिए यह संस्था गत 20 वर्षों से प्रयासरत है।इस वार्षिक उत्सव की खास बात थी कि इसमें नेतृत्व क्षमता बढ़ाने के लिए पांच समूहों का गठन किया गया और सबके चार-चार लीडर बनाए गए जिसके अंतर्गत महिलाओं ने नृत्य,गायन, नाटक,कविता, अभिनय के द्वारा अपनी कला का प्रदर्शन किया।
“पक्की धूप” नामक इकाई का पोस्टर रिलीज किया गया
जिसमें वरिष्ठ नागरिकों के अनुभवों को स्वर दिया जाएगा जिससे नई पीढ़ी को लाभ पहुंचे एवं उनकी प्रतिभा को भी मंच प्राप्त हो।उल्लेखनीय है कि स्वयंसिद्धा की “कच्ची धूप” नामक इकाई श्रमिक बस्ती के बच्चों के लिए काम करती है।
91 वर्ष की जानकी देवी ने गीत तो 72 साल की कमल चक्रवर्ती ने नृत्य एवं 70 वर्षीय कमलेश आर्य ने कविता प्रस्तुत किया ।
विश्वरूपा समूह ने छत्तीसगढ़ के 12 महीनो के 12 त्योहारों का प्रदर्शन कर कार्यक्रम में जोश भर दिया। स्वस्तिका समूह ने भारत की वीरांगनाओं पर कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। देशभक्ति के नारों से सभागार गूंज उठा। अपराजिता समूह ने नाटक में बच्चों की शिक्षा से संबंधित अंग्रेजी हिंदी माध्यम स्कूलों पर कड़े सवाल उठाए वहीं तेजस्विनी समूह ने नशा मुक्त समाज पर नाटक प्रस्तुत किया। जागृति समूह ने छत्तीसगढ़ का लोक नृत्य एवं गीत प्रस्तुत किया। स्वस्तिका समूह ने कव्वाली अंदाज में पुराना गीत प्रस्तुत करके सबको तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
मुख्य अतिथि ऋचा ठाकुर ने अपने उद्बोधन में महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए ऐसे कार्यक्रम की मुक्त कंठ से सराहना की। विशिष्ट अतिथि योगिता चावड़ा ने कहा कि महिलाओं का अनुशासन सराहनीय है। उम्र सिर्फ एक नंबर है यहां आकर पता चलता है।
कार्यक्रम अध्यक्ष प्रज्ञा त्रिवेदी ने स्वरचित गजल के द्वारा स्वयंसिद्धा के सदस्यों का मनोबल बढ़ाया।
कार्यक्रम में अमिताभ भट्टाचार्य,संध्या तिवारी, अरविंद वैष्णव, लव कुमार चौधरी, डॉ.अक्षुणा वैष्णव एवं हतेश कुमार मिथिलेश को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में रंजना सूरज,राजश्री नायर, रीता वैष्णव, वंदना नाडंबर, गीता चौधरी, राजकुमारी कनोजे, लक्ष्मी साहू, रूमा दे, गायत्री गोस्वामी,अनामिका कपूर, रुखसाना शेख, बिंदु नायक,ज्ञानू अत्रे,श्रुति तिवारी, कृतिका वैष्णव, स्मिता चौहान आदि का विशेष सहयोग रहा
कार्यक्रम में संदीप चक्रवर्ती हेलन धर, डॉ रजनी नेल्सन, रूपा विश्वास, माधुरी बिजोरिया, सीमा लदेर, हर्षा मेश्राम,पुष्पा भट्टाचार्य, आकांक्षा भट्टाचार्य, मासूम लूनिया, डॉ संगीता चंद्राकर सहित भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।