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अयोध्या से पधारे स्वामी डॉ. अनंताचार्य जी महाराज ने कराया वैदिक भूमि पूजन, 50,000 श्रद्धालुओं हेतु विराट पंडाल निर्माण कार्य प्रारंभ

जामुल,

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जामुल की पुण्यभूमि पर आज सनातन संस्कृति के गौरवशाली अध्याय का शुभारंभ भव्य–दिव्य श्री राम कथा महोत्सव के भूमि पूजन के साथ हुआ। अयोध्या से पधारे स्वामी डॉ. अनंताचार्य जी महाराज ने वेद–मंत्रोच्चार, आहुति, स्वस्ति व वैदिक विधि–विधान के मध्य भूमि पूजन संपन्न कराया। इस पावन अनुष्ठान में मुख्य यजमान के रूप में श्री दिलेश्वर उमरे व श्री केदार राम साहू ने विधिवत सहभागिता कर धर्मकार्य का पुण्य लाभ अर्जित किया।

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भूमि पूजन के साथ ही लगभग 50,000 श्रद्धालुओं की क्षमता वाले विशाल एवं सुव्यवस्थित पंडाल के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया। यह पंडाल दो लाख वर्गफुट से अधिक क्षेत्र में विस्तृत होकर प्रदेश के सर्वाधिक भव्य एवं सुव्यवस्थित कथा परिसरों में से एक के रूप में विकसित होगा।

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इस गरिमामयी अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में कारसेवक पंडवानी गायक श्री चेतन देवांगन, सांसद श्री विजय बघेल, कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग अध्यक्ष श्री राकेश पाण्डेय, विधायक श्री डोमन लाल कोर्सेवाडा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती बंजारे, समाजसेवी श्री ज़हीर ख़ान, समाजसेवी श्री इन्द्रजीत सिंह (छोटू) तथा नगरपालिका उपाध्यक्ष श्रीमती सुनीता चन्नेवार की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

अतिथिगणों ने इसे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक–आध्यात्मिक परंपरा का महत्वपूर्ण एवं गौरवपूर्ण आयोजन बताते हुए कहा कि यह महोत्सव जामुल को प्रदेश के आध्यात्मिक मानचित्र पर एक विशिष्ट पहचान प्रदान करेगा।

आगामी श्री राम कथा का वाचन जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री डॉ. राघवाचार्य जी महाराज (श्रीधाम पीठाधीश्वर) द्वारा किया जाएगा, जिनकी ओजस्वी एवं भक्तिरसपूर्ण वाणी से संपूर्ण क्षेत्र आध्यात्मिक चेतना से आलोकित होगा।

आयोजन समिति द्वारा पंडाल परिसर में भव्य मंच, विद्युत सज्जा, क्रमबद्ध बैठक व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंधन, पार्किंग तथा जल–ध्वनि–प्रकाश की समुचित व्यवस्थाएँ युद्धस्तर पर प्रारंभ कर दी गई हैं, जिससे प्रदेशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सुव्यवस्थित एवं दिव्य अनुभूति प्राप्त हो सके।

यह महाभव्य आयोजन जामुल ही नहीं, बल्कि संपूर्ण छत्तीसगढ़ की सनातन आस्था, सांस्कृतिक वैभव और आध्यात्मिक चेतना का उत्सव सिद्ध होने जा रहा है।

यह जानकारी ईश्वर उपाध्याय ने दी

Abhilash Dikshit

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