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शनि जयंती 2023: न्याय प्रिय देवता शनि देव का जन्मोत्सव हर साल ज्येष्ठ अमावस्या पर मनाया जाता है, इसे शनि जयंती कहते हैं। इस दिन शुभ फल पाने के लिए सूर्य पुत्र शनि देव की विशेष पूजा करनी चाहिए। शनि जयंती 19 मई 2023 को है।
शनि जयंती को लेकर मान्यता है कि इस दिन कुछ खास चीजें शनि देव को अर्पित की जाती हैं तो शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं और साधक मानसिक और आर्थिक रूप से मजबूत रहते हैं। आइए जानते हैं ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर यानी शनि जयंती पर शनि देव को कौन सी पांच चीजें उन पर चढ़ानी चाहिए।
शनि जयंती पर चढ़ाएं 5 खास चीजें (शनि जयंती पूजा सामग्री)
सरसों का तेल
पौराणिक कथा के अनुसार रावण के चुंगल से शनि को छुड़वाने के बाद हनुमान जी ने अपने शरीर पर तेल से मालिश की थी और शनि को दर्द से मुक्त किया था, तभी से शनि देव पर सरसों का चढ़ाने की प्रथा चली आ रही है। शनि जयंती पर शनि की शीला पर तेल सा अभिषेक करने से गंभीर बीमारियों से मुक्ति मिलती है। दुख-दर्द खत्म हो जाते हैं।
शमी के पत्ते
शमी के संयंत्र को शनि देव का पौधा माना जाता है। इसके साथ ही माना जाता है कि भगवान शिव को शमी चढ़ाने से वह शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। इसके फल, पत्र, जड़ चढ़ाने से शनि देव के प्रतिक्षेप प्रभाव कम हो जाते हैं। आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।
नीला फूल
शनि का नीला रंग से संबंध है, इसलिए उन्हें नीला रंग के फूल अति प्रिय है। शनि जयंती पर अपराजिता, शमी के फूल, आक के फूल शनि देव के चरणों में अर्पित करें। मान्यता इसकी प्रामाणिकता के रास्ते खुलती है, नौकरी में चल रही त्रुटि दूर होती है।
नारियल
शनि जयंती के दिन एक जटावाला नारियल, सौ ग्राम काले तिल, 100 ग्राम उड़ते हुए दाल और एक कील काले कपड़े में लपेट दें। अब शनि मंदिर में शनि चालीसा का पाठ करें और फिर उसके बहते हुए पानी में बहने दें। इससे आपके शनि और पितृदोष में कमी आती है और आपके धन की वृद्धि होने लगती है। गड़बड़ी दोष से मुक्ति पाने के लिए ये उपाय शामिल है।
काला तिल-काली उड़ना
काले तिल का कारक शनि ही है। कहते हैं कि शनि की पीड़ा से राहत पाने के लिए शनि जयंती पर शनि देव को एक मुठ्ठी काले तिल और काले उड़ते हुए चढ़ाएं और फिर काले तिल का दान भी करें। इससे राहु-केतु जनित दोष भी शांत होते हैं।
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