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पटना: बिहार में सोमवार (2 अक्टूबर) को जातीय गणना के आंकड़े सामने आने के बाद संख्या के हिसाब से सत्ता में हिस्सेदारी की मांग उठने लगी है. कांग्रेस ने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से बिहार में तीन नए डिप्टी सीएम बनाने की मांग की है. जातीय गणना के आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस ने यह मांग उठाई है. वहीं जातीय गणना की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए सवर्ण जातियों के आंकड़ों में हेराफेरी के गंभीर आरोप भी लगाए हैं.  

हिस्सेदारी के हिसाब से बिहार में तीन डिप्टी सीएम की मांग

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी के नारे एवं परोपकार अपने घर से ही शुरू होता है की कहावत को चरितार्थ करना चाहिए. इसके लिए उन्हें अपने मंत्रिमंडल में एक-एक मुस्लिम, अतिपिछड़ा एवं अनुसूचित जाति के नेता को उपमुख्यमंत्री बनाना चाहिए.

सवर्ण जातियों के आंकड़ों में हेराफेरी के आरोप

कांग्रेस नेता अनिल शर्मा ने जातीय गणना की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए सवर्ण जातियों के आंकड़ों में हेराफेरी के गंभीर आरोप भी लगाए हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार द्वारा जातीय गणना करना हमेशा एक स्वागत योग्य कदम है लेकिन सत्ताधारी दलों को जातीय गणना की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करना चाहिए. नीतीश सरकार की जातीय गणना रिपोर्ट में हेराफेरी की गई ऐसा प्रतीत होता है.

कांग्रेस ने उठाई ये मांग

जातीय गणना की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में यादवों की संख्या 14 फीसद से ज्यादा है. यादव जाति से डिप्टी सीएम तेजस्वी हैं. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के हिसाब से अति पिछड़ा वर्ग की आबादी का लगभग 36 फीसद है, लेकिन इनके हिस्से से कोई डिप्टी सीएम नहीं है. वहीं अनुसूचित जाति की संख्या 19.65 फीसद और मुसलमान 17 फीसद हैं. इन्हीं आंकड़ों का हवाला देकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने तीन नए डिप्टी सीएम बनाने की मांग सीएम नीतीश कुमार से की है.

ये भी पढ़ें: बिहार में जातिगत सर्वे का डेटा जारी कर 2024 से पहले नीतीश कुमार कितने मजबूत हुए?

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Umesh Solanki

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