Spread the love

[ad_1]

Israel Attack: 7 अक्टूबर 2023 की तारीख इजरायल के इतिहास में दर्ज होने वाला है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि आज सुबह सुबह हमास के लड़ाकों ने यहूदियों के देश इजरायल पर हमला कर दिया. इजरायल भी इसका मुंहतोड़ जवाब दे रहा है. वहीं इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने भी अब कह दिया है कि दुश्मनों को भारी कीमत चुकानी होगी. ऐसे में पूरी दुनिया को ये चिंता है कि कहीं ये लड़ाई भी युक्रेन और रूस की तरह लंबा ना खिंच जाए. खैर, आज हम आपको इस देश के बनने का इतिहास बता रहे हैं. इसके साथ ही आपको ये भी बताएंगे कि वो कौन सी परिस्थियां थीं जब पूरी दुनिया के यहूदियों ने मिल कर फैसला किया कि उन्हें एक अलग देश बनाना है.

कब बना था इजरायल

14 मई 1948 वो तारीख है जो यहूदी समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक पल था. इस दिन पूरी दुनिया ने को पता चल गया था कि मारे मारे फिर रहे यहूदियों को अब एक देश मिल गया है. हालांकि, ये खुशी बहुत समय तक नहीं चली. दूसरे ही दिन पांच पड़ोसी देशों की सेनाओं ने मिल कर इस नए बने देश पर हमला कर दिया. हालांकि, इजरायल ने इसका भी कड़ा जवाब दिया और सबको पछाड़ दिया. इस युद्ध ने पूरी दुनिया में ये संदेश पहुंचा दिया कि दुश्मनों से घिरा ये एक छोटा सा देश किसी भी मामले में छोटा नहीं है.

यहूदियों का नरसंहार और नए देश की मांग

पूरी दुनिया के यहूदी 27 जनवरी को होलोकॉस्ट स्मरण दिवस मनाते हैं. इसे यहूदी नरसंहार के पीड़ितों की याद के तौर पर मनाया जाता है. दरअसल, द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हिटलर की नाजी सेना यहूदियों को ढूंढ ढूंढकर मार रही थी. रिपोर्ट्स कहती हैं कि 1941 से 1945 के दोरान लगभग 60 लाख यहूदियों को यूरोप में मौत के घाट उतार दिया गया. इस नरसंहार ने यहूदियों के अंदर ये बात जगा दी कि अब उन्हें अपना एक देश चाहिए और फिर यहीं से शुरू हुई इजरायल के बनने की कहानी. 

किन परिस्थितियों में बना था इजरायल

आज का इजरायल कभी तुर्किए के ओटोमान साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था. लेकिन प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जब तुर्किए की हार हुई तो इस पूरे इलाके पर ब्रिटेन का कब्जा हो गया. लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के दौरान दुनिया दो शक्तियों में बंट गया अमेरिका और रूस. ब्रिटेन इस युद्ध के बीच में फंस के रह गया था. इस युद्ध में ब्रिटेन को नुकसान भी खूब हुआ. इसका असर ये हुआ कि 1945 में ब्रिटेन ने अपने अधिकार वाले इस हिस्से को यूनाइटेड नेशन को सौंप दिया. यूनाइटेड नेशन ने 1947 में इसे दो हिस्से में बांट दिया एक को अरब राज्य कहा गया और एक को इजरायल. इजरायल वाले हिस्से में यहूदी भी थे. हालांकि, इसके अगले ही साल यानी 14 मई 1948 को इजरायल ने अपनी आजादी का ऐलान कर दिया.

1967 का युद्ध और इजरायल का उदय

1967 के जून की चिलचिलाती गर्मी में जहां धरती तप रही थी वहीं दूसरी ओर इजरायल और अरब देशों के बीच की दुश्मनी भी उबाल मार रही थी. 5 जून की तारीख आते आते ये तनातनी इतनी बढ़ी कि युद्ध शुरू हो गया. एक तरफ मिस्र, सीरिया और जॉर्डन के लड़ाके तो वहीं दूसरी ओर अकेला इजरायल. लेकिन 6 दिनों तक चले इस युद्ध में इजरायल ने तीनों अरब देशों को पानी पिला दिया. इसका नतीजा ये हुआ कि इजरायल ने सिनाई प्रायद्वीप, गाज़ा, पूर्वी यरूशलम, पश्चिमी तट और गोलान पहाड़ी पर अपना कब्जा जमा लिया. बाद में संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से ये युद्ध रुका.

ये भी पढ़ें: Israel Attack Live: हमास के लड़ाकों ने इजराइल के घरों पर किया कब्जा, नेतन्याहू ने बुलाई आपात बैठक, युद्ध का किया ऐलान

[ad_2]

Source link

Umesh Solanki

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *