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जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल।
– फोटो : एएनआई
विस्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और पांच अन्य के खिलाफ मंगलवार को आरोपपत्र दायर किया। गोयल को ईडी ने एक सितंबर को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में मुंबई के आर्थर रोड जेल में है। मामले से जुड़े एक वकील ने बताया कि गोयल और अन्य के खिलाफ यहां एक अदालत में आरोपपत्र दायर किया गया है, जिस पर बुधवार को संज्ञान लिए जाने की संभावना है।
धन शोधन का यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से जेट एयरवेज, गोयल, उनकी पत्नी अनीता गोयल और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ कथित धोखाधड़ी के मामले में दर्ज प्राथमिकी से सामने आया है।
ट्रस्ट बनाकर भारत से विदेशों में धन की हेराफेरी का आरोप
बैंक की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड को 848.86 करोड़ रुपये का ऋण दिया था जिसमें से 538.62 करोड़ रुपये बकाया थे। इससे पहले रिमांड पर सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ने कहा था कि जेट एयरवेज के संस्थापक ने विदेश में विभिन्न ट्रस्ट बनाकर भारत से विदेशों में धन की हेराफेरी की।
जांच में पता चला कि आरोपी ने विदेश में कई ट्रस्ट बनाए हैं और उन ट्रस्टों के माध्यम से उसने विभिन्न अचल संपत्तियां खरीदी हैं। इसमें कहा गया था कि इन ट्रस्टों के लिए इस्तेमाल किया गया धन कुछ और नहीं बल्कि अपराध से अर्जित धन (पीओसी) है जिसे भारत से विदेश भेजा गया।
भारत में कंपनियों का जाल बनाकर अर्जित की गईं अचल संपत्तियां
ईडी ने कहा कि उनकी जांच से पता चला है कि गोयल ने मुंबई में उच्च मूल्य की संपत्तियां खरीदी थीं और बाद में उन्हें बेच दिया था। उन्होंने भारत में कंपनियों का एक जाल भी बनाया था जिसके माध्यम से उसने बहुत सारी अचल संपत्तियां अर्जित की गईं। एक ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए ईडी ने दावा किया है कि जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड (जेआईएल) की ओर से लिए गए ऋण का उपयोग फर्नीचर, परिधान और आभूषण जैसी अचल संपत्तियों की खरीद के लिए किया गया था। गोयल के आवासीय कर्मचारियों के वेतन और उनकी बेटी की एक प्रोडक्शन कंपनी के परिचालन खर्च का भुगतान भी जेआईएल के खातों से किया गया।
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