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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच कुल 94,009 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जो देश में कुल दुर्घटनाओं का 20 प्रतिशत से ज्यादा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आधी रात से सुबह छह बजे तक छह घंटों में सबसे कम दुर्घटनाएं हुईं।
रिपोर्ट में कहा गया है, “2022 में, 18:00-21:00 बजे के बीच के समय अंतराल में सड़क दुर्घटनाओं की अधिकतम संख्या (94,009) दर्ज की गई। जो देश में कुल दुर्घटनाओं का 20.4 प्रतिशत है… और यह पिछले पांच वर्षों में देखे गए पैटर्न के मुताबिक है।”
2022 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कुल 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें 1,68,491 लोगों की जान गई और 4,43,366 लोग घायल हुए।
रिपोर्ट के मुताबिक, दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक 79,639 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जो कुल दुर्घटनाओं का 17.3 प्रतिशत है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में मिजोरम (85) में सबसे ज्यादा दुर्घटना गंभीरता दर्ज की गई, इसके बाद बिहार (82.4) और पंजाब (77.5) का स्थान रहा।
प्रति 100 दुर्घटनाओं में मारे गए व्यक्तियों की संख्या से मापी जाने वाली सड़क दुर्घटना की गंभीरता 2021 में 37.3 से थोड़ी कम होकर 2022 में 36.5 हो गई है।
मामूली उतार-चढ़ाव के बावजूद, 2000 के बाद से दुर्घटना की गंभीरता बढ़ रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में सिक्किम (17) में सबसे ज्यादा मृत्यु दर दर्ज की गई। उसके बाद बिहार (9) में मृत्यु दर दर्ज की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग आधे राज्यों में 2022 में मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत 5.2 से ऊपर थी।
देश में वाहन जनसंख्या के सापेक्ष सड़क दुर्घटनाओं को समझाने के लिए मृत्यु दर का इस्तेमाल किया जाता है। इसे प्रति 10,000 वाहनों पर सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या से मापा जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, सड़क उपयोगकर्ता श्रेणी में, 44.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ दोपहिया वाहन, सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा 74,897 हैं। जो 2021 की तुलना में 7.9 प्रतिशत ज्यादा थी।
इसमें कहा गया है कि 2022 में 19.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पैदल यात्री सड़क दुर्घटनाओं के सबसे ज्यादा शिकार हैं।
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