Spread the love

[ad_1]

India Maldives Relations: मालदीव के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के 24 घंटे से भी कम समय के बाद मोहम्मद मुइज्जू ने शनिवार (18 नवंबर) को भारत सरकार से उनके देश से भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने का औपचारिक अनुरोध कर दिया. 

इस बीच हांगकांग आधारित अंग्रेजी अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की वेबसाइट पर इस शीर्षक के साथ एक खबर प्रकाशित हुई है कि मालदीव को अपने नए चीन-अनुकूल राष्ट्रपति के साथ निवेश में वृद्धि की उम्मीद है क्योंकि बीजिंग अवसर का लाभ उठाना चाहता है. ऐसे में सवाल उठता है कि भारत की सेना को हटाने के लिए मालदीव चीन से क्या कुछ लेगा और क्या ऐसा मौका ड्रैगन छोड़ेगा?

चीन से क्या लेगा मालदीव?

बता दें कि मुइज्जू को व्यापक रूप से चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है. शनिवार (18 नवंबर) को साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर में कहा गया है कि मालदीव को इस हफ्ते एक चीनी विशेष दूत की मेजबानी के बाद ऊर्जा बुनियादी ढांचे और पर्यटन सुविधाओं में चीन से ज्यादा निवेश की उम्मीद है. मालदीव के एक राजनयिक ने कहा कि देश ने बीजिंग के अनुकूल राष्ट्रपति का स्वागत किया है. 

हांगकांग बेस्ड मानद उप-वाणिज्य दूत विजय हरिलाला ने गुरुवार को पोस्ट को बताया था कि मालदीव के निवेश एजेंडे में नवीकरणीय ऊर्जा शीर्ष पर होगी क्योंकि यह एक पर्यटन हॉटस्पॉट है जो कम प्रदूषण के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है.

हरिलाला ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में आगे सहयोग की संभावना है क्योंकि मालदीव का लक्ष्य 2030 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का है. उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में चीन की विशेषज्ञता मालदीव में सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विकास में योगदान दे सकती है.

चीनी निवेशकों को इन क्षेत्रों में अवसर देगा मालदीव

रिपोर्ट के मुताबिक, हरिलाला ने कहा कि मालदीव चीनी निवेशकों को होटल और रिसॉर्ट के विकास, वाटर स्पोर्ट्स, पर्यावरण-पर्यटन और ट्रैवल एजेंसियों में और अवसर देगा. उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन, कृषि, रियल एस्टेट, परिवहन और लॉजिस्टिक्स भी विदेशी निवेश के लिए खुले हैं.

चीनी सीमा शुल्क आंकड़ों के अनुसार, मालदीव को चीन का निर्यात 2020 से 2022 तक 59 फीसदी बढ़ गया है, जब कुल शिपमेंट 438.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया.

‘चीन के लिए लाभ उठाने का समय आ गया है’

हवाई में डेनियल के. इनौये एशिया-पैसिफिक सेंटर फॉर सिक्योरिटी स्टडीज के प्रोफेसर अलेक्जेंडर वुविंग ने कहा कि बीजिंग नेतृत्व परिवर्तन का स्वागत करेगा और हिंद महासागर के तेल और गैस शिपिंग मार्गों के साथ अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण इसके परिणामस्वरूप निवेश बढ़ने की संभावना है.

वुविंग ने कहा, ”मालदीव चीन और भारत के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा का केंद्र रहा है.” उन्होंने कहा, ”चीन काफी समय से इस पल का इंतजार कर रहा था और अब उसके लिए चुनाव के बाद खुले इस अवसर का लाभ उठाने का वक्त आ गया है.”

भारतीय सैनिकों को बाहर करने के लिए मुइज्जू की ओर से क्या कहा गया?

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुइज्जू ने कहा कि मालदीव के लोगों ने नई दिल्ली से यह अनुरोध करने के लिए उन्हें मजबूत जनादेश दिया है. विज्ञप्ति में कहा गया कि केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू और मुइज्जू की मुलाकात के दौरान मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत से यह अनुरोध किया.

हालांकि, माले में किरेन रिजिजू और मुइज्जू के बीच बैठक के बाद सूत्रों ने कहा कि भारत और मालदीव द्वीप राष्ट्र की ओर से भारतीय सैन्य मंचों का उपयोग जारी रखे जाने के लिए व्यावहारिक समाधान पर चर्चा करने पर सहमत हुए हैं क्योंकि ऐसा सहयोग मालदीव के लोगों के हितों के अनुकूल है.

(इनपुट भाषा से भी)

यह भी पढ़ें- शपथ लेते ही मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने दिखाए तेवर, भारत से किया सेना हटाने का अनुरोध

[ad_2]

Source link

Umesh Solanki

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *