भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मंगलवार को भी टू प्लस टू वार्ता जारी रही, इस दौरान म्यांमार की स्थिति चिंता का विषय बनी। उन्होंने संकटों पर काबू पाने के लिए लोकतंत्र की ओर परिवर्तन का आह्वान किया। गौरतलब है कि इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर मौजूद रहे। साथ ही मंत्रिस्तरीय वार्ता के हिस्से के रूप में ऑस्ट्रेलियाई उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस और विदेश मंत्री पेनी वोंग शामिल थे। इस दौरान इंडो-पैसिफिक, मध्य पूर्व, यूक्रेन के विकास, जैसे कई मुद्दों का भी जिक्र हुआ।
इस टू प्लस टू वार्ता के दौरान यूक्रेन में युद्ध का जिक्र हुआ, जिसके दुखद मानवीय परिणामों पर गहरी चिंता व्यक्त की। मंत्रियों ने यूक्रेन में व्यापक, न्यायसंगत और शांति के लिए अपना समर्थन दोहराया जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सभी उद्देश्यों और सिद्धांतों को कायम रखता है।
उन्होंने वैश्विक आर्थिक प्रणाली और खाद्य सुरक्षा पर इस युद्ध के बढ़ते प्रभावों को रेखांकित किया, जिसके परिणाम मुख्य रूप से विकासशील और अल्प-विकसित देशों को प्रभावित कर रहे हैं।
मध्य पूर्व संकट पर हुई बात
इस बैठक में दोनों पक्षों ने 7 अक्तूबर 2023 को इस्राइल के खिलाफ भयानक आतंकवादी हमलों को ध्यान में रखते हुए, पुष्टि की कि वे आतंकवाद के खिलाफ इस्राइल के साथ खड़े हैं और नागरिकों की सुरक्षा सहित अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का आह्वान किया।
उन्होंने शेष सभी बंधकों की तत्काल रिहाई का आह्वान किया। मंत्रियों ने गाजा में फलस्तीनी नागरिकों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए मानवीय सहायता पर क्षेत्र में भागीदारों के साथ समन्वय जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।
मंत्रियों ने मानवीय विराम के लिए समर्थन व्यक्त किया और संघर्ष को फैलने से रोकने, मध्य पूर्व में स्थिरता बनाए रखने और राजनीतिक समाधान और शांति की दिशा में काम करने के लिए क्षेत्र में प्रमुख साझेदारों सहित करीबी राजनयिक समन्वय जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।
म्यांमार के बिगड़ते हालात भी रहे चर्चा का विषय
मंगलवार को जारी इस वार्ता में म्यांमार के हालातों पर मंत्रियों ने चिंता जताई। यहां बिगड़ती स्थिति और क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने हिंसा को तत्काल रोकने, मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए सभी लोगों की रिहाई, मानवीय सहायता के लिए सुरक्षित पहुंच, बातचीत के माध्यम से संकट का समाधान और संघीय लोकतंत्र की ओर परिवर्तन का आह्वान किया।
उन्होंने म्यांमार में संकट के समाधान में आसियान के नेतृत्व वाले प्रयासों के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की और आसियान की पांच सूत्री सहमति के पूर्ण कार्यान्वयन का आह्वान किया।