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आरोपी नफीस बिरयानी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
उमेश पाल हत्याकांड में फरार चल रहा 50 हजार का इनामी बिरयानी रेस्टोरेंट संचालक नफीस बुधवार देर रात मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया गया। नवाबगंज के आनापुर में पुलिस से मुठभेड़ में उसके बाएं पैर में गाेली भी लगी। उसे एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के दौरान बाइक पर उसका साथी भी था, जो अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया।
उमेश पाल हत्याकांड में पांच दिन पहले ही उस पर इनाम घोषित हुआ था। पुलिस अफसरों के मुताबिक, बुधवार रात 11 बजे के करीब प्रयागराज-प्रतापगढ़ सीमा पर नवाबगंज के आनापुर में पुलिस टीमें गश्त पर थीं। इसी दौरान एक बाइक पर दो लोग आते दिखाई दिए। रुकने का इशारा करने पर उन्होंने बाइक की गति बढ़ा दी और पुलिस टीम पर फायर झोंकते हुए भागने की कोशिश की।
पुलिस के खदेड़ने पर बाइक अनियंत्रित होकर पलट गई, जिससे दोनों नीचे गिर गए। इसके बाद भी उन्होंने फायर झोंका। पुलिस की ओर से आत्मरक्षा में की गई फायरिंग में एक हमलावर के पैर में गोली लगी, जिससे वह वहीं गिर पड़ा। जबकि उसका साथी भाग निकला। पुलिस जख्मी बदमाश के पास पहुंची तो वहां एक पिस्टल, दो कारतूस व बाइक मिली।
पूछताछ में पता चला कि हमलावर उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी नफीस है। इसके बाद उसे एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। डीसीपी गंगानगर अभिषेक भारती ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि वह लखनऊ मार्ग से आ रहा था। वह कहां जा रहा था, इस बारे में विस्तृत पूछताछ के बाद ही कुछ बताया जा सकेगा।
दिल्ली में मिली थी लोकेशन
दो दिन पहले नफीस की लोकेशन दिल्ली में मिली थी। पता चला था कि वह वहां के पांच सितारा होटल में फरारी काट रहा है। उसकी कुछ तस्वीरें भी हाथ लगी थीं। इनमें से एक में वह होटल जबकि दूसरी में बस में बैठा नजर आया था।
अशरफ का जिगरी यार, फाइनेंसर भीनफीस माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ का बेहद करीबी था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अशरफ ने उसके ही जरिये अपनी व अपने भाई की काली कमाई का एक बड़ा हिस्सा अलग-अलग कारोबारों में निवेश किया। इसके बदले में नफीस माफिया व उसके परिवार को आर्थिक मदद पहुंचाता था।
परिवार को गाड़ी से लेकर अतीक, अशरफ व अतीक के बेटों पर दर्ज केस में पैरवी के लिए भी रकम मुहैया कराता था। उमेश पाल हत्याकांड में उसकी ही क्रेटा कार का इस्तेमाल हुआ था, जिस पर उसे हिरासत में लेकर गहन पूछताछ भी की गई थी। हालांकि, तब उसे छोड़ दिया गया था। विवेचना में इस बात के पर्याप्त साक्ष्य मिले कि उमेश पाल हत्याकांड की साजिश में वह भी शामिल था। इस पर पुलिस ने उसे भी आरोपी बना दिया।
कई जगह खरीदी थीं जमीनें
पुलिस को पता चला है कि माफिया ने नफीस के जरिये जमीनों में भी काली कमाई लगाई थी। शहर में फाफामऊ, एयरपोर्ट क्षेत्र और धूमनगंज के साथ ही दूसरे जनपदों में भी उसने जमीनों में पैसा लगाया था। इसमें उसके कई पार्टनर भी थे। नफीस के पकड़े जाने के बाद अब माफिया की बेनामी संपत्तियों के बारे में भी अहम खुलासा हो सकता है।
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