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ओसीडी क्या है: इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में काम का तनाव, खराब लाइफस्टाइल, खराब एसेट का असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर काफी ज्यादा है। काम के दबाव के कारण लोग अवसाद चिंता और कई तरह की मानसिक बीमारी के शिकार हो रहे हैं। एक समस्या है ओसीडी (ओसीडी) जिसे हम ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर के नाम से जानते हैं। इस समस्या से पीड़ित लोग बिल्कुल सामान्य दिखते हैं लेकिन जो काम वो करते हैं वो सामान्य नहीं होता…आगे के लेख जानते हैं ओसीडी के बारे में विस्तार से चीजों से।
ओसीडी क्या है? (ओसीडी)
जब OCD को हम मानसिक बीमारी के तौर पर जानते हैं तो हमारे दिमाग में कई तरह के ख्याल आते हैं जैसे कि यह कोई मनोभ्रंश या जानलेवा बीमारी है। लेकिन अगर हम इसे ध्यान से पढ़ें तो इसका मतलब स्पष्ट है ऑब्सेसिव का मतलब है किसी भी व्यवहार का बार-बार दोहराना। यानी कि जो विचार हमारे मन में बार-बार आते हैं उनके प्रति विचार और उनसे प्रभावित व्यवहार करना। ये नकारात्मक और संदेश दोनों प्रकार के हो सकते हैं।
अब दूसरे शब्दों पर गौर करें तो यह है कंपल्सिव यानी की मजबूरी अगर हमारे मन में यह ख्याल आता है की हमारे हाथ परवाह हैं तो आप ना चाहते हुए भी इस बार-बार धोती रहते हैं और जब यह प्रक्रिया दोहराती रहती है तो यह एक तरह से कांपलेशन होता है। आमतौर पर कंपल्शन, ऑब्ज़ेशन से राहत पाने के लिए किया जाता है।
ओसीडी के ज्यादा मरीज जो होते हैं वो गंदगी से बातें करते हैं। आमतौर पर साफ सफाई और बार-बार हाथ धोने की कंपल्शन होती है। कुछ लोग बार-बार चीज की जांच करते हैं जैसे दरवाजे बंद किए या नहीं। गैस बंद है या नहीं. कई लोगों को गंभीर बीमारी की चपेट में आने का डर रहता है।
क्या है इसके लक्षण
आक्षेप
- गंदगी का डर होता है
- पर्दे को सीक्वेंस में लगाने की सनक
- चश्मा को लेकर कॉन्शस रहना
- किसी को चोट लगने का डर
कंपल्शन
- बार-बार हाथ खींचना
- बार बार दरवाज़ा चेक करना
- एक ही तरह की बात को बार-बार दोहराना
- बेवजह घूस को सजाना, जुड़ना
किसी भी मेंटल बीमारी से बचने के लिए अपने जीवन शैली के उल्लंघन, नींद और स्क्रीन टाइम पर ध्यान देना चाहिए। यदि आप भी उपर में कोई लक्षण बताते हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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