[ad_1]
राधा कृष्ण प्रेम उद्धरण: हर कोई कृष्णा और राधा के प्यार के बारे में जानता है और उनकी प्रेम कहानी हिंदू धर्म का अहम हिस्सा है। यह कहानी ब्रज क्षेत्र में घटी और भगवान कृष्ण के बाल्यकाल से जुड़ी हुई है। यह कहानी रासलीला के माध्यम से भी प्रस्तुत होती है, जहां कृष्ण और राधा के प्रेम की विशेषताएं और उनके विचारों को गलत बताया जाता है।
कृष्ण की लीलाएं और मनोहारी शख्सियतों ने राधा को उनसे और भी मोहित कर दिया। राधा कृष्ण के प्रेम में पूर्ण समरसता थी। वे आपस में पूर्ण रूप से एकत्रित हो जाते हैं और अपने प्रेम की मधुरता को व्यक्त करते थे। राधा के प्रेम और समर्पण के माध्यम से कृष्ण के आंतरिक गुणों और दिव्यता का अनुभव होता था।
राधा कृष्ण के प्रेम की कहानी में उनकी विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया गया है। यह कहानी बताती है कि प्रेम में विश्वास, समर्पण और सच्चा संवाद होना आवश्यक है। राधा कृष्ण के प्रेम की कहानी हमें प्रेम के अलौकिक आनंद और पारम्परिक संबंध की महत्वपूर्णता को समझाती है।
राधा कृष्ण के प्रेम की कहानी को विभिन्न रूपों में व्यक्त किया जाता है और रासलीला के माध्यम से भी प्रस्तुत करते हैं, जिसमें राधा कृष्ण के प्रेम का मुख्य पहलू और विभिन्न अद्भुत भाग लीलाएं दिखाई देती हैं। इन लीलाओं में राधा कृष्ण के प्रेम के रंग आपस में मिलकर वृंदावन की प्रेम भूमि को आविर्भूत करते हैं। आइए जानते हैं राधा कृष्ण की प्रेम कहानी से जुड़े कोट्स।
यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पास लेना,
तो हर हृदय में राधा-कृष्ण का नाम नहीं होता।
प्यार में कितनी बाधाएँ दिखती हैं,
फिर भी कृष्ण के साथ राधा दिखती हैं।
पूर्ण है श्रीकृष्ण परिपूर्ण है श्रीराधे,
आदि है श्रीकृष्ण अनंत है श्रीराधे।
पाने को ही प्यार कहें जग की ये है रीत,
प्रेम का सही अर्थ समझायेगी राधा-कृष्णा की प्रीति।
राधा के साथ प्रेम का यह ईनाम हैं,
कान्हा से पहले लोग राधा का नाम लेते हैं।
धन संबंध का कोई एहसास नहीं होता है,
जब खत्म हो जाए खत्म।
एक तरफ साँवले कृष्ण दूसरी तरफ राधिका होरी,
जैसे एक-दूसरे से मिल गए हो चाँद चौकरी।
प्रेम की भाषा बड़ी आसान होती है,
राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी ये पैगाम देती है।
ये भी पढ़ें
राहु: काँच को बना दे हीरे की कीनी, तो हीरे को भी मिलाता है ये ‘ग्रह’ मिट्टी में
अस्वीकरण: यहां बताई गई जानकारी सिर्फ संदेशों और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी विशेषज्ञ की जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित सलाह लें।
[ad_2]
Source link