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स्वास्थ्य सुझाव : अगर सही समय पर खाना न लिया जाए तो इसका फायदा ही कम होता है। आयुर्वेद में भी खाना खाने का समय तय किया गया है। इसमें बताया गया है कि किस समय खाना बनाना चाहिए और किस समय पानी की आपूर्ति करनी चाहिए, ताकि स्वास्थ्य को लाभ मिल सके। आपको शायद ही पता हो कि मर्ज में एक वक्त ऐसा भी होता है, जब खाना खाना मोटापा ही नहीं कैंसर (कैंसर) का खतरा भी बढ़ सकता है। इस बात को विज्ञान भी दर्शाता है. यदि असामान्य तरीके से असमान रूप से देखा जाए तो यह कैंसर का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं कब खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए…
देर से खाना खतरनाक
बर्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के एक रिसर्च में पता चला है कि किसी भी व्यक्ति को कैंसर का खतरा हो सकता है। इस अध्ययन में पाया गया है कि रात 9 बजे के बाद खाना खाने के बाद बिस्तर पर सोने के बीच अगर दो घंटे का गैप नहीं रखा गया तो ऐसे लोगों में कैंसर का खतरा बाकियों की तुलना में 25 प्रतिशत तक ज्यादा होता है।
रात के खाने का कैंसर से संबंध
असल में, शरीर के बायोलॉजिकल क्लॉक में सोने और उठने का समय तय होता है। यह दिन के 24 घंटे का हिसाब होता है। इसे ही सरकारी रिदम कहा जाता है। यह घड़ी रात 9 बजे के बाद काम नहीं करती। क्योंकि, शरीर के खाते से यह सोने का समय होता है। अब इस समय अगर कोई खाना खाता है तो उसके शरीर का सरकारी क्लॉक रिदम साबित होता है। इसके कारण भूख और नींद पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और स्ट्रेस में जाने का खतरा रहता है।
किस तरह के कैंसर का खतरा ज्यादा
इस शोध में 600 से अधिक कैंसर पीड़ित पुरुष और 1,200 से अधिक कैंसर पीड़ित महिलाएं शामिल थीं। जिसमें पता चला कि उन्होंने कभी रात में काम नहीं किया। उनकी नाइट शिफ्ट का कोई क्रॉनिकल्स नहीं रह गया है, बावजूद इसके उनमें कैंसर हो गया। उनके डॉक्टर की टाइमिंग के बाद कई इंटरव्यू और सॉस का पता चला। जिसमें पता चला कि खाने के करीब दो से तीन घंटे बाद ही वे सोने के बिस्तर पर चले गए हैं। ऐसे लोगों में कैथोलिक और प्लास्टिक कैंसर का खतरा करीब 20 प्रतिशत कम है। वहीं, देर रात से मरीजों में कैंसर का खतरा काफी ज्यादा देखने को मिला।
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