मुलचेरा पंचायत समिति अंतर्गत शांतिग्राम ग्राम पंचायत के गीताली कंचनपुर शांतिग्राम के सभी शासकीय सार्वजनिक अखाड़ा,दोरफोड़ी, समशान घाट,तलाव,आंगनवाड़ी की जगह पर कब्जा।।शांतिग्राम के माजी सरपंच तथा मौजूदा ग्राम पंचायत सदस्य आदित्यनाथ जोडूनाथ घरामी के द्वारा अपने पुत्र आनंद आदित्यनाथ घारामी को पद में रहते हुए,तकरीबन 8 एकर सार्वजनिक अखाड़ा दोरफोड़ी की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया।इसी प्रकार गीताली के गौतम मंडल ने अखाड़ा दोरफोड़ के 8 एकर जमीन पर अवैध कब्जा किया गया।।।जानकारी अनुसार गौतम मंडल गीताली रहवासी के द्वारा लगाम चेक स्थित पटवारी से साठ गांठ कर शासकीय जमीन अपने नाम 7/12 फेरफार करवा लेने को शासन दिशाभूल करे जाने की जद्दोजहद में लगे हैं।।।शांतिग्राम के डोरफोडी अखाड़ा तलाव बाजारवादी की जमीन पर लगाम कें पटवारी के द्वारा अवैध फेरफार कर शासन जमीन के जगह पिछले2 साल पहले तक गांव के अन्य परिवार के नाम चढ़ा कर शासन का दिशाभूल किया गया था।परंतु जब माहिती के तहत जानकारी मांगी गई थीं।तो तुरंत लगाम के पटवारी के द्वारा आनन फानन में दुबारा सभीं 7/12 को दुरस्त कर शासन जमीन चढ़ाया गया।।आखिर कब्ताक पटवारी के द्वारा माखी सरपंच सदस्य एवं अन्य शासन के जमीन वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा करने में मदत कर शासन का नुकसान कराती रहेगी।।।आखिर माहिती अधिकार के पहलेंकी 7/12 और उसके बाद के 7/12 पे अंतर क्यों? क्यू कंचनपुर गीताली शांतिग्राम क्षेत्र के सभी वन जमीन शासकीय राखीव जमीन वर्ग 2 की शासन जमीन पर फेरफार हो रहीं हैं?कैसे पटवारी के होते हुए जमीनों पर कब्जा करने से पहले अतिक्रम पुराना होने के कागजात बन जाते है? क्यू उच्च अधिकारी को जानकारी नहीं होती? आनेवाले दिनों में क्या शासन के द्वारा राखीव सार्वजनिक जगह की आवश्कता नही पड़ेगी? क्या आबादी दिनबा दिन घट रही हैं या बड़ रही हैं?क्यों उच्चआधिकारी के नाकंके नीचे अवैध अतिक्रमण का खेल खेलना रहा है? जानकारी नूसार ग्राम सचिव के द्वारा भी अवैध शासन राखीव जमीनों पर कब्जा के बाद पुराने समय के नाम पर कर पावती दिखाई जा रहि हैं? क्या अवैध कब्जा के बाद घर टैक्स देकर सचिव सरपंच के द्वारा शासन का दिशभूलं नुकसान और जनता के लिएं अनकेनलीय राखीव जमीन कब्जा धारी को मदत कर जनता के साथ ठगी नही कर रहेंगे? कही ना कही पटवारिंके साथ साथ सचिव का भीं अहम रोल देखने को मिल रही हैं।।शासकीय सभी जगह की मौज माफ के नाम पर सचिव का सरपंच सदस्य कें परिवार को बचा रहे हैं।उनके कब्जा को वैध करने की सभी जुगाड़ तंत्र का हथखंडा अपना कर कब्जा वैद्य करने में लगे हैं।।जनता को मौज माफ के नाम पर दिलासा और ग्राम पंचायत में पैसा नही हैं मौज माफ केलिए वैसा समझा बुझाकर शांत रहने की चालाकी का मोह जाल बुना जा रहा हैं।।कई बार जिलाधिकारी पंचायत समिति ग्राम पंचायत में लिखित शिकायत के बाद भी कारवाही नही किं गई। कारण एक ही हैं।किसी तरह सरपंच सदस्य के साथ साथ अनके परिवार हितसंबंधित के अवैध कब्जा कायम रखना।।उसे वैध करना? पिछले 1 साल से सचिव के द्वारा अतिक्रमण हटाएंगे मौज माफ करेंगे का झूठा दिलासा जनता को दिया जा रहा हैं।शासन के द्वारा तकरीबन 1 येकर से ज्यादा बाजारवारीके जगह मौजूद हैं।जिस पर अवैध कब्जा होने के कारण बाजार गांव में मुख्य सड़क पर भर रहीं हैं।लेकिन गांव के पंच वाले बाजार वालो से अवैध वसूली साफ सफाई के नाम पर लिया जा रहा हैं।लेकिन क्या पंच के पास बाजार वसूली के मंजूरी हैं? या अधिकारी के जानकारी में वसूली जारी हैं? पिछले 55 साल से सभी गैर बंगाली बाजारों में सभी धर्मो के दुकानदारी के लिए जगह दी गई।क्या आनेवाले दिनों में शांतिग्राम्म गांव के बाजार में गैर बंगाली को भिं बाजार में स्ताहि दुकान के लिए जगह राखीव रखी जायेगी? या केवल गांव के लिए हिं सीमित रखी जायेगी? क्या सबका साथ सबका विकास की नारा एक जुमला बनाकर रहेगी?
गड़चिरोली से ज्ञानेंद्र विश्वास