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बुलन्दशहर समाचार: उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश) के छात्र (बुलंदशहर) में पहासू के प्राथमिक विद्यालय (पहासू प्राइमरी स्कूल) की शिक्षा सहायता की पोल खोल कर रख दी। जिला पहासू के प्राथमिक विद्यालय ग्रेड 1 में पढ़ने आए छात्र छात्राओं की हालत खराब होने की खबर आई। रियल स्कूल में साबुत कमरा नहीं है और क्षमता से 3 गुना अधिक छात्र-छात्रओं को पढ़ाई कर पढ़ाया जा रहा है। गुरुवार (20 जुलाई) से भारी गर्मी और बिजली की व्यवस्था ठीक नहीं हुई, बच्चों की तबियत खराब हो गई।

विद्यालय के एक ही कमरे में क्षमता से तीन गुना अधिक छात्र-छात्राओं को गर्मी से बचाने के लिए उनकी क्षमता बताई गई। इस दौरान कई बच्चे चक्कर खाकर गिर गए, कई बच्चों की उल्टियां और दस्त तक हो गए। इस संबंध में विद्यालय की शिक्षिकाओं ने बताया कि बच्चों की संख्या अधिक है। बच्चों के बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है, कमरा नहीं है। लाइट की व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण बहुत गर्मी हो रही है। जिससे बच्चे बीमार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने पूरे मामले में प्रशासन को नोटिस दिया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

स्कूल के 5 स्कॉशिया में 350 बच्चे हैं

गुरुवार (20 जुलाई) को बच्चों के बीमार होने पर शिक्षकों ने कहा कि उनके बच्चों को कुछ होता है तो जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। गर्मी के कारण मासूम छात्र की किताब की कॉपी से हवा करते हुए आया। इम्प्लांट द्वारा कई बार लिखित रूप से पूरे मामले की शिकायत दर्ज की गई है। मान्यता के अनुसार स्कूल के 5 स्काई में 350 बच्चों को पढ़ाई और शिक्षा देना संभव है लेकिन आज तक विभाग द्वारा कोई नामांकन नहीं लिया गया है। यहां तक ​​कि यह भी बताया गया है कि स्कूल का मेन गेट भी खंडहर स्थिति में है, जिसके कारण कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है।

गर्मी और गर्मी के कारण बच्चे हो रहे बीमार- सहायक अध्यापिका

सहायक अध्यापिका योगिता सिंह ने घटना के बारे में बताया कि, इस घटना का कारण बच्चों की संख्या बहुत अधिक है। उस खाते से न तो बच्चों के लिए कमरा है और न ही बैठने की कोई व्यवस्था है। इस समय बच्चों की ताकत बहुत ज्यादा है, बच्चे ठीक से भी नहीं मिल पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली की व्यवस्था न होने से गर्मी और गर्मी के कारण बच्चे बीमार हो रहे हैं। हम लोगों ने भी इजराइल के प्रशासन को नजरअंदाज कर दिया है, लेकिन इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

खंडहर भवन निर्माण के बाद नहीं बनी नई इमारत-शिल्प

इस घटना का मुख्य कारण यह है कि हमारे यहां छात्र संख्या के आधार पर अवशेष का निर्माण नहीं हो रहा है, जबसे ये खंडहर भवन टूटे हैं तब से हमारे यहां भवन नहीं बना है। तीन कर्मचारी और पुनर्प्राप्ति रिकॉर्ड उसी से ये स्थिति में रह रहे हैं। बच्चों के साथ अगर कोई भी बड़ी घटना घटती है तो प्रशासन सहित प्रशासन ही जिम्मेदार होगा। उन्होंने कहा कि इसका समय प्रशासन से लिखित में बनाया गया है। यहां एक कक्षा में 80-80 बच्चे हैं।

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Umesh Solanki

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