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स्वास्थ्य सुझाव : कुछ दिन पहले ही राजधानी दिल्ली-एनसीआर में बारिश और बाढ़ का कहर देखने को मिला। अब इसके साइड इफेक्ट्स (delhi Flood Side Effects) भी सामने आ रहे हैं. बारिश की वजह से मच्छर से वाली बीमारी और शरीर के कई अन्य अंग खराब हो सकते हैं। बाढ़ की वजह से कई तरह के इंफेक्शन बढ़ रहे हैं। आंखों की समस्या भी बढ़ती जा रही है. बड़ी संख्या में कंजंक्टिवाइटिस (नेत्रश्लेष्मलाशोथ) की समस्या से संबंधित लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, आंखों की यह समस्या यहां की आबादी की संख्या 50-60 प्रतिशत तक है।
बाढ़ से क्यों बढ़ें सही स्वास्थ्य से जुड़े निष्कर्ष
डॉक्टर के अनुसार, मधुमेह और जैविक जल से कई तरह की मोटापा बढ़ सकता है। जिसमें कुछ आंखों के संक्रमण का कारण बन सकते हैं। मधुमेह में केवल पेट में संक्रमण ही नहीं, बल्कि मच्छरों से होने वाली बीमारियां भी बढ़ सकती हैं। यह कई तरह से लाभकारी हो सकता है। कंजंक्टिवाइटिस बेहद खतरनाक भी हो सकता है। इसलिए आंखों की देखभाल सबसे जरूरी है।
कंजंक्टिवाइटिस की समस्या क्या है?
कंजंक्टिवाइटिस आंखों की समस्या है, जिसे पिंक आइज की समस्या भी कहा जाता है। कंजंक्टिवा नाम की ट्रांसपैरेंट परत में संक्रमण या सूजन की समस्या है। एडेनोवायरस का कारण यह संक्रमण सबसे अधिक होता है। सूजन के कारण यह समस्या काफी हद तक बढ़ सकती है। अधिकतर यह समस्या सामान्य इलाज से ही ठीक होती है। इससे गंभीर खतरा कम होता है। ध्यान दें सबसे बड़ा सेंसिटिव अंग है, इसलिए विशेष दस्तावेज रखना जरूरी है। एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस में खुजली, आंखों से पानी आना और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कंजंक्टिवाइटिस की पहचान
कंजंक्टिवाइटिस में एक या दोनों आंखें लाल हो सकती हैं, उनमें खुजली हो सकती है, किरकिरापन महसूस हो सकता है, आंखों में स्राव की समस्या हो सकती है या आंखों में रोशनी की समस्या हो सकती है। ऐसी परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
कंजंक्टिवाइटिस से बचने के लिए क्या करें
आंखों की देखभाल करते रहें.
आँखों की साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखें.
आँखों को बार-बार झुकने से न हिचकिचाहट।
हाथों को बार-बार धोते रहो।
साफ-सुथरे कपड़े का ही इस्तेमाल करें, उसे शेयर न करें।
आंखों में मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कुछ दिन कम करें।
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