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त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन आम लोगों को खाने-पीने की चीजों की महंगाई से राहत मिलती नहीं दिख रही है. अभी पिछले कुछ महीनों से परेशान कर रहे टमाटर ने राहत देना शुरू ही किया था कि नई मुसीबत सामने आ गई है. टमाटर के कम होते भाव के बीच प्याज के भाव चढ़ने का खतरा सिर पर मंडरा रहा है.

सितंबर में प्याज हो जाएगा डबल

अभी प्याज खुदरा बाजार में 30-35 रुपये किलो के भाव में मिल जा रहा है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से इसके भाव में तेजी देखी जा रही है. प्याज का इस्तेमाल लगभग हर भारतीय घरों की रसोई में होता है. ऐसे में प्याज के भाव बढ़ने से हर किसी के लिए रसोई के बजट को संभालना मुश्किल होने वाला है. बताया जा रहा है कि सितंबर महीने के दौरान प्याज के भाव तेजी से बढ़ सकते हैं. खुदरा बाजार में प्याज के भाव डबल हो जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है.

यहां तक पहुंच सकते हैं भाव

क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स की एक रिपोर्ट इस बारे में बताती है कि सितंबर महीने के दौरान प्याज के भाव 60-70 रुपये किलो तक पहुंच सकते हैं. इसका मतलब हुआ कि आने वाले दिनों में आपको प्याज अभी की तुलना में डबल पड़ने वाला है. जिस प्याज के लिए अभी आप बाजार में 30-35 रुपये किलो का भाव चुका रहे हैं, आने वाले दिनों में उसी प्याज के लिए आपको 60-70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से भुगतान करना पड़ सकता है.

ये है बड़ी राहत देने वाली बात

हालांकि इस मामले में राहत की बात बस इतनी है कि प्याज के भाव टमाटर की तरह महीनों तक परेशान नहीं करने वाले हैं. क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त महीने के अंत से प्याज के भााव में तेजी की शुरुआत हुई है, जो सितंबर में उच्च स्तर तक जाएगी. उसके बाद अक्टूबर में खरीफ फसलों की आवक मंडियों में शुरू हो जाएगी, जिससे प्याज के भाव नरम होने लग जाएंगे. क्रिसिल ने साथ में यह राहत भी दी है कि प्याज के भाव उस उच्च स्तर से कम रहने वाले हैं, जो 2020 में देखने को मिला था.

कई स्तरों पर सरकार की तैयारी

इस बीच सरकार ने प्याज के भाव बढ़ने की आशंकाओं के बीच अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. सरकार ने पिछले सप्ताह प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगाई है. सरकार ने घरेलू बाजार में मांग की पूर्ति के लिए प्याज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और दाम को नियंत्रित रखने के लिए प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी का शुल्क लगा दिया है, जो 31 दिसंबर 2023 तक लागू रहने वाला है. उससे पहले सरकार ने प्याज के सुरक्षित भंडार की सीमा बढ़ाने का फैसला लिया था. वहीं सहकारी एजेंसियां टमाटर की तरह आम लोगों को प्याज भी रियायती दर पर उपलब्ध करा रही हैं.

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Umesh Solanki

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