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भारतीय विदेश मंत्रालय
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी सेवाओं को बेहतर करने के लिए पार्टनर वीजा को चुनने के नियमों और कोंसुलर सेवाओं को मजबूत किया है। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा है कि भारत आने वाले विदेशियों और भारतीय डायस्पोरा के लिए यह बदलाव किए गए हैं। इस बदलाव का उद्देश्य भारत आने वाले विदेशियों और विदेश में बसे भारतीय डायस्पोरा के सामने देश की छवि को बेहतर बनाना और सेवाओं को मजबूत, आसान और विश्वसीय बनाना है।
बदलाव के तहत इन बातों पर किया गया है फोकस
बता दें कि किसी भी विदेशी पर्यटक के लिए भारत आने के लिए पहला केंद्र विदेशों में मौजूद भारतीय मिशन होते हैं। यही वजह है कि विदेश मंत्रालय ने वहां सेवाओं को बेहतर करने का फैसला किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विदेश मंत्रालय ने सही आउटसोर्स सेवा प्रदाताओं का चयन करने के लिए अपनी निविदा और मूल्यांकन प्रक्रिया को सुधारने और मजबूत करने के लिए परिवर्तनकारी कार्यक्रम शुरू किया है। इस बदलाव का फोकस एल1 मूल्य निर्धारण, गुणवत्ता सेवाओं, सतत और व्यवहार्य मूल्य, डेटा संरक्षण सुरक्षा और नैतिक प्रथाओं और अखंडता के चार स्तंभों पर जोर दिया गया है।
ट्रैवल एसोसिएशन की अध्यक्ष ज्योति मयाल का कहना है कि भारत कई क्षेत्रों जैसे व्यापार और नागरिक सेवाओं में वैश्विक नेता की भूमिका में है। भारत तेजी से विकास कर रहा है, ऐसे में उन कारकों पर ध्यान देने की जरूरत है, जो देश और भारत सरकार की छवि को धूमिल करते हैं। यही वजह है कि सरकार के लिए जरूरी हो गया है कि वह सेवा प्रदाताओं की गुणवत्ता, विश्वसनीयता पर ध्यान केंद्रित करे वरना यह सरकार की क्षमताओं में लोगों के विश्वास को कम कर सकती है।
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