मानवीय संवेदनाओ से ओत प्रोत नाटक चारुलता ने दर्शको को सोचने पे किया मजबूर,
रविंद्र नाथ टैगोर ये नाम दिमाग में आते ही उनकी कुछ अदभुत किताब नोवेल और कहानिया गीतांजलि, चोखर बाली गोरा जैसा कृति के अदभुत ज़िंदगी के ताना बाना घूमने लगता…
रविंद्र नाथ टैगोर ये नाम दिमाग में आते ही उनकी कुछ अदभुत किताब नोवेल और कहानिया गीतांजलि, चोखर बाली गोरा जैसा कृति के अदभुत ज़िंदगी के ताना बाना घूमने लगता…