SCHOOL – अब नही चलेगा प्राइवेट स्कूलों का हिटलरशाही फरमान, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत होगी जांच,कलेक्टर ने किया टीम गठित

डेली खबर/संवादाता सर्वेश सिंह/कटनी मध्य प्रदेश – प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमर्जी अब नही चल पाएगी। कोई भी प्राइवेट स्कूल संचालक बच्चों के माता-पिता के ऊपर स्कूल द्वारा निर्धारित की गई दुकान से किताबे व ड्रेस खरीदने के लिए दबाव बनाता है, तो उस स्कूल संचालक के विरुद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कार्यवाही होगी।

नवीन शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होते ही निजी स्कूलों द्वारा विद्यार्थियों और अभिभावकों को उनके द्वारा निर्धारित की गई दुकानों से ही कॉपी-किताब, ड्रेस आदि खरीदने के लिए बाध्य किए जाने की शिकायतें लगातार समाचार पत्रों, संगठनों और अभिवावकों के माध्यम से सामने आने पर कटनी कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा प्रभावी और सख्त कदम उठाया गया है।

उन्होंने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 16 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पीड़ित अभिभावकों एवम् पंजीकृत संगठनों के द्वारा आवेदन प्राप्त करने के लिए अनुविभाग स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अध्यक्षता में एक जांच दल का गठन किया है। जो प्राप्त शिकायतों की जांचकर शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित दोषी व्यक्तियों और संस्थाओं के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही के लिए केंद्रीय प्राधिकरण अथवा प्रादेशिक कार्यालय के आयुक्त को प्रतिवेदन प्रेषित करेगा।

उल्लेखनीय है कि सम्पूर्ण प्रदेश में संभवतः कटनी पहला जिला है, जहां निजी स्कूलों की मनमानी रोकने हेतु उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में प्रदत्त शक्तियों का कलेक्टर द्वारा प्रभावी उपयोग किया जा रहा है।इनसे करें शिकायतमध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवम् सीबीएसई बोर्ड से संबंधित जिले के कुछ स्कूलों और निजी शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा अभिभावकों को निर्धारित दुकानों से पठन पाठन सामग्री, यूनिफॉर्म सहित अन्य शैक्षणिक सामग्री खरीदने बाध्य किए जाने की एक लिखित शिकायत गुरुवार को जिले के एक उपभोक्ता हितैषी संगठन द्वारा कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद से की। जिस पर कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा उक्त पंजीकृत संस्था के अधिनियम की धारा 2(6) के तहत प्रस्तुत परिवाद पर कार्यवाही करते हुए  उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 16 के तहत विद्यार्थियों और अभिभावकों को एक उपभोक्ता वर्ग के रूप में स्वीकार कर प्रताड़ित पाए जाने शिकायतों की जांच के लिए अनुविभागीय स्तर पर जांच दल का गठन किया है।

अनुविभागीय अधिकारी राजस्व इसके अध्यक्ष और विकासखंड शिक्षा अधिकारी, विकासखंड स्त्रोत समन्वयक व कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल किए गए है। 

निजी स्कूलों संचालको को कराया जाएगा अवगत कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद ने विद्यार्थियों, अभिभावकों और पंजीकृत संस्थाओं से आग्रह किया है कि निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी से संबंधित शिकायत वे जांच दल के समक्ष लिखित रूप से कर सकते हैं। जिनकी जांच गठित दल द्वारा की जाएगी।

जिसमें निजी शालाओं, शैक्षणिक संस्थाओं और संबंधित व्यापारियों द्वारा जांच दल को पूर्ण सहयोग किया जायेगा। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर यह दल संबंधित दोषी व्यक्ति अथवा संस्था के विरुद्ध केंद्रीय प्राधिकरण या प्रादेशिक कार्यालय आयुक्त को अग्रिम कार्यवाही के लिए प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा।

कलेक्टर श्री प्रसाद ने सभी जांच दल अध्यक्षों को अपने क्षेत्र की समस्त निजी शालाओं और शैक्षणिक संस्थाओं के प्रमुखों की बैठक लेकर अधिनियम से अवगत कराने निर्देशित किया है।

क्या कहती है धारा- उल्लेखनीय है कि निजी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए अभिभावक एक उपभोक्ता वर्ग है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 16 ऐसे ही उपभोक्ता वर्ग के अधिकारों का संरक्षण करती है और इस वर्ग से अनुचित व्यापारिक व्यवहार या अनुचित पद्धति से किसी माल के विक्रय, उपयोग या प्रदाय के संप्रवर्तन के प्रयोजन को प्रतिबंधित करने के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी को जांच करने या कराने की शक्ति प्रदान करती है।

संभवतः कटनी जिला प्रदेश का पहला जिला होगा जहां अभिभावकों के हितों के संरक्षण के लिए कलेक्टर द्वारा जनहित में यह कदम उठाया गया है।

Jvaed Khan MADHYA PRADESH (HEAD)

Executive Editor https://daily-khabar.com/

By Jvaed Khan MADHYA PRADESH (HEAD)

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