सर्गेई लावरोव और एस जयशंकर फोटो सोशल मीडिया
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शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के विदेश मंत्री आज अपने विचार-विमर्श में जुलाई में समूह के शिखर सम्मेलन के विचार के लिए 15 निर्णयों या प्रस्तावों के एक सेट को अंतिम रूप देंगे। प्रस्तावों का उद्देश्य व्यापार, प्रौद्योगिकी, वाणिज्य, सुरक्षा और सामाजिक-सांस्कृतिक संबंधों के क्षेत्रों में एससीओ सदस्य देशों के बीच सहयोग का विस्तार करना है।
गोवा के बेनौलिम में समुद्र के किनारे ताज एक्सोटिका रिसॉर्ट में विदेश मंत्रियों की एससीओ परिषद की बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे। चीनी विदेश मंत्री किन गैंग, रूस के सर्गेई लावरोव, पाकिस्तान के बिलावल भुट्टो-जरदारी और उज्बेकिस्तान के बख्तियोर सैदोव उन लोगों में शामिल हैं, जो बैठक में भाग लेने के लिए पहले ही गोवा पहुंच चुके हैं। शुक्रवार की बैठक में एससीओ में संवाद साझेदारों के रूप में कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), म्यांमार और मालदीव को शामिल करने के लिए समझौतों को अंतिम रूप देने की उम्मीद है।
जानकारों ने कहा कि ईरान और बेलारूस को समूह के पूर्ण सदस्य के रूप में स्वीकार करने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में पहुंच रही है। यह भी कहा कि एससीओ सदस्य देशों द्वारा राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार के निपटान पर एक प्रस्ताव भी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समूह के समग्र एजेंडे का हिस्सा है। एससीओ के विदेश मंत्रियों के यूक्रेन संकट और अफगानिस्तान की स्थिति सहित वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करने की भी उम्मीद है।
बिलावल भुट्टो 2011 के बाद भारत आने वाले पहले पाकिस्तानी मंत्री
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भी सम्मेलन में भाग लेने के लिए गोवा पहुंचे। 2011 के बाद से पाकिस्तान के किसी मंत्री की भारत की पहली उच्चस्तरीय यात्रा है। बिलावल ने गुरुवार को कहा, गोवा पहुंचकर बहुत खुश हूं। उम्मीद है कि बैठक सफल होगी। विदेश मंत्री जयशंकर के साथ दूसरे समकक्षों की तरह उनकी द्विपक्षीय बैठक की कोई योजना नहीं है।
साझेदारी बढ़ाएंगे भारत और उज्बेकिस्तान
विदेश मंत्री जयशंकर ने उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री बख्तियोर सैदोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। उन्होंने ट्वीट में कहा, उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री के तौर पर बख्तियार सैदोव की पहली भारत यात्रा पर स्वागत किया। भारत के एससीओ अध्यक्ष पद के लिए उज्बेकिस्तान के मजबूत समर्थन की सराहना की। साथ ही हमारे लंबे समय से चले आ रहे बहुपक्षीय सहयोग को भी मान्यता दी। उन्होंने कहा, विश्वास है कि विभिन्न क्षेत्रों में हमारी द्विपक्षीय साझेदारी बढ़ती रहेगी।
रूसी बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने अंतर्देशीय संबंधों को लेकर एक निष्पक्ष बहुध्रुवीय व्यवस्था का निर्माण करने की दिशा में प्रयास जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। दोनों विदेश मंत्रियों ने ‘खास और विशेषाधिकार युक्त’ रणनीतिक गठजोड़ के मुख्य क्षेत्रों में सहयोग की सराहना की। इसमें कहा गया है, द्विपक्षीय संबंधों में विश्वास आधारित विचारों का आदान-प्रदान और ज्वलंत वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दे एजेंडा में रहे, जिसमें आने वाले दिनों में संपर्क का कार्यक्रम शामिल है।