अपरा एकादशी 2023 उपाय भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय एकादशी का महत्व

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अपरा एकादशी 2023: ज्येष्ठ माह की पहली एकादशी का व्रत 15 मई 2023 को रखा जाएगा। इसे अपरा एकादशी, अचला एकादशी और भद्रकाली एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह 16 मई 2023 को सुबह 06 बजकर 41 मिनट से सुबह 08 बजकर 13 मिनट तक हो जाएगा।

अपरा एकादशी के दिन अनजाने में पापों का संकलन के लिए भगवान विष्णु की पूजा उत्तम रूप से चुनी गई है। विष्णु पुराण में अपरा एकादशी के महत्व का विस्तार से वर्णन किया गया है। इस एकादशी के प्रताप से मनुष्ट प्रेत योनी से मुक्ति पाकर बैकुंठ लोक को जाता है। आइए जानते हैं एक के महत्व और उपाय के बारे में।

अपरा एकादशी का महत्व (अपरा एकादशी का महत्व)

धर्म रीलों

अपरा एकादशी व्रत के प्रभाव से ब्रह्महत्या, प्रेत योनि, अन्य की निंदा आदि से पापों का नाश हो जाता है, इतना ही नहीं, गमन, झूठी गवाही, असत्य भाषण, झूठा वेद पढ़ना, झूठा शास्त्र बनाना, ज्योतिष द्वारा किसी को भरमाना, झूठा वैद्य पाप बनकर लोगो को ठगना आदि भयंकर भी अपरा एकादशी के व्रत से नष्ट हो जाते हैं। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के सुख, समृद्धि और धन में वृद्धि होती है।

अपरा एकादशी उपाय (अपरा एकादशी उपाय)

तुलसी दल – श्रीहरि को तुलसी अति प्रिय है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी की तुलसी अर्पित करें और साथ ही शाम के समय तुलसी में चिड़चिड़े। इस दिन भूलकर भी तुलसी तोड़े नहीं, न ही शामिल जल चढ़ाएं। मान्यता है कि माता तुलसी भी एकादशी का निर्जला व्रत करती हैं। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं धन के भंडारभर जाती हैं।

पीपल में दीप – धर्म शास्त्रों में पीपल के पेड़ में विश्व का निवास स्थान गया है, इसलिए श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए अपरा एकादशी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे घृत का दीपक जलाएं और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। ऐसा करने पर पित्तर होते हैं और गंभीर बीमारियों से मुक्ति मिलती है।

हल्दी की किंक – अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को दो छोटे धब्बेदार और ‘ॐ केशवाय नमः’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। नौकरी और व्यापार में विकास के लिए ये उपाय अचूक है।

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Umesh Solanki

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