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झारखंड समाचार: झारखंड झारखंड (रांची) में टेंडर कमीशन मामले में एक बार फिर ईडी की जांच तेज हो सकती है। इस मामले में भी एक आईएएस अधिकारी तक जांच की आंच पहुंच सकती है। दरअसल, ईडी ने टेंडर कमीशन घोटाला मामले में ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियन्ता वीरेंद्र राम के रांची, दिल्ली और जमशेदपुर आवास सहित 24 ठिकानों पर 21 फरवरी को एक साथ अटैचमेंट की थी। इस दौरान वीरेंद्र राम के आवास से 1.5 करोड़ के जेवरात, 40 लाख नकद, 6 लग्जरी दावे और करोड़ों के फ्लैट और प्लॉट के दस्तावेज मिले थे।
इस दौरान यह भी पता चला कि वीरेंद्र ने कमीशन की राशि से 125 करोड़ से अधिक की संपत्ति बनाई है। ईडी ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो वीरेंद्र राम ने बताया था कि, उस समय तक जो कमीशन की राशि आती थी वह 17 से अधिक ब्यूरो क्रेट्स और राजनेताओं तक पहुंचती थी। मिली जानकारी के अनुसार अब ईडी ऐसे लोगों से भी पूछताछ करने की तैयारी में है, जिन तक कमीशन की राशि पहुंचती थी। इस मामले में ईडी से हाई कोर्ट ने भी स्टेटस रिपोर्ट दी है।
ईडी पूछताछ में क्या बताया?
दरअसल, वीरेंद्र राम ने खुद ईडी के सामने यह बात कबूल की थी कि उन्होंने संकलन में पूरी जानकारी गलत दी थी। उनके मुनाफे में साल 2014-15 और 2018-19 के दौरान 9.30 करोड़ व 22 दिसंबर से जनवरी 2023 के बीच 4.50 करोड़ रुपये उनके जीवन भर की कमाई से कहीं अधिक है। ईडी ने जांच में पाया है कि साल 2019 के बाद वीरेंद्र राम व उनके चचेरे भाई आलोक रंजन एक साथ कई बार दिल्ली गए। साथ ही हर बार मोटी रकम वे साथ ले जाते थे और ये रकम सीए मिक्स मित्तल को हैंडओवर किया जाता था।
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