सिजेरियन डिलीवरी के साइड इफेक्ट लंबे समय तक मां को परेशान कर सकते हैं

[ad_1]

सिजेरियन डिलीवरी के साइड इफेक्ट: मां बनने का सुख एक मां से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता है। मां बनने की प्रक्रिया में सिजेरियन तकनीक (सिजेरियन डिलीवरी) ने बहुत सहयोग किया है। जन्मपत्र के कई प्रकार की वजह से जिन महिलाओं की सामान्य नाराजगी में मां या बच्चे की जान को खतरा था, सिजेरियन ने उन संबंधों को कम कर दिया है। लेकिन आजकल लोग दर्द से दूर रहते हैं या फिर तारीख तय करते हैं तो जन्मतिथि की वरीयता के कारण सिजेरियन पर ज्यादा जोर देते हैं। लेकिन सिजेरियन नाराजगी के भी कुछ नुकसान हैं। सामान्य प्रतिबद्धता की इसमें लेबर पेन के बिना बच्चे का जन्म हो जाता है लेकिन बाद में मां के शरीर को सीजेरियन ऑपरेशन (सिजेरियन डिलीवरी के दुष्प्रभाव) के कई दुष्प्रभाव दिखाई देते हैं। ज़मानत जानते हैं कि मां को सिजेरियन नाराज होने के बाद कौन से दुष्प्रभाव मिलते हैं।

धीमी रिकवरी है

देखा तो सीजेरियन गुस्सा में नींद बहुत कम लगता है लेकिन इसके बाद एक मां को अपना शरीर वापस सामान्य अवस्था में आने यानी ठीक होने में काफी देर लगती है। सिजेरियन सेक्शन में सर्जरी के बाद टांके ठीक होने में कई हफ्ते लग जाते हैं। ये टांके काफी दर्द से भरे होते हैं और मां को उठने के दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार टांके पक जाते हैं जिससे मां को कई सारी परेशानियां हो जाती हैं और अलग-अलग दवाएं भी चलती हैं जो सिजेरियन के बाद सर्जरी के दर्द को कम करने के लिए आमतौर पर दी जाती हैं। देखें तो नॉर्मल प्रतिबद्धता की प्रतिबद्धता एक महिला को सीजेरियन नाराजगी के बाद वापस सामान्य स्थिति में लौटने में तीन से चार माह लग जाती हैं।

इंफेक्शन का खतरा

सिजेरियन शिकायत के बाद कई महिलाओं को कई तरह के संक्रमण यानी इंफेक्शन के जोखिम हो जाते हैं। इसमें सबसे बड़ा जोखिम है एक्सपोजरिस इंफेक्शन। ये एक तरह का इंफेक्शन होता है जिसके कारण गर्भ के अंदर बनने वाले समझौते के बाहर ही बनने लगते हैं।

खतरे का खतरा

नॉर्मल शिकायत की सीजेरियन गुस्से में मां को काफी ज्यादा ब्लड होता है। दरअस इस सर्जरी के दौरान गर्भाशय को काटकर बच्चे को बाहर निकाला जाता है जिससे काफी खून बहता है। ऐसे में मां के शरीर में काफी कमजोरी आ जाती है और मां को नाव होने का भी खतरा हो जाता है।

प्लेसेंटा एक्रीटा होने का खतरा होता है

कई सारी चीजें पहली बार होने वाले सी सेक्शन के बाद मां के पेट में बच्चे से जुड़े गर्भनाल यानी प्लेसेंटा गर्भाशय के पास या फिर यूरिनरी ब्लैडर में चिपक जाती है। इससे मां और होने वाले बच्चे दोनो को खतरा पैदा हो जाता है।

पेट से संबंधित परेशानी हो जाती हैं

सीजेरियन शिकायत के बाद मां काफी समय तक कब्ज का सामना कर रही है। मां को पेट में टांके लगाने से परेशानी होती है। पेट में टांके लगने के कारण काफी देर तक खिंचाव की स्थिति बनी रहती है।

यह भी पढ़ें

नीचे स्वास्थ्य उपकरण देखें-
अपने बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की गणना करें

आयु कैलक्यूलेटर के माध्यम से आयु की गणना करें

[ad_2]

Source link

Umesh Solanki

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *