बागेश्वर धाम : धीरेंद्र शास्त्री का सपना पूरा करेंगे बिहारी, जानें हिंदू राष्ट्र के निर्माण के लिए बिहार पर क्यों भरोसा

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पटना: बागेश्वर धाम (बागेश्वर धाम) के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री) को बिहार में भक्तों का ऐसा प्यार मिला कि उन्हें याद रहेगा। खुद बाबा बागेश्वर ने पूर्व से जाते-जाते यह बात कह दी कि बिहार बहुत अच्छा है। उन्हें आश्चर्य हुआ। बहुत सही लगा। धीरे-धीरे शास्त्री कथा कहने के लिए कई राज्यों में जा चुके हैं, लेकिन जिस तरह से बिहार में उन्हें भक्तों का प्यार मिला और राजनीति उसी तरह हुई जैसे शायद किसी राज्य में हुई होगी। ऐसे में बाबा ने भी आखिरी दिन मान ली कि उनका सपना बिहार पूरा कर सकता है।

पूर्व के नौबतपुर के त्रेतपाली में 13 मई से पांच दिवसीय हनुमंत कथा का आयोजन किया गया था। बाबा के आने से पहले ही बिहार की सियासी संभावनाओं से ऐसी बयानबाजी शुरू हो गई कि पक्ष और आमने-सामने आ गए। एक तरफ हिंदू-मुस्लिम को लेकर बाबा पर सत्ताधारी दल के नेता हमलावर थे तो वहीं दूसरी ओर संबंध भाजपा के सामने घटना को सफल बनाने की चुनौती थी। यही कारण था कि बीजेपी के नेताओं ने फ्रैंक कह दिया कि हार गया तो बाबा बागेश्वर को गिरफ्तार करके दिखाओ।

क्या है बाबा धीर-गंभीर शास्त्री का सपना?

बिहार आने से पहले ही बाबा अपने ‘हिंदू राष्ट्र’ वाले बयानों को लेकर चर्चा में हैं। कहीं इसका विरोध हो रहा है तो कहीं समर्थन मिल रहा है। बार-बार वह यही कह रहे हैं कि वे भारत को हिंदू राष्ट्र बना रहे हैं। हिंदू राष्ट्र बनाना ही उनका सपना है। बिहार सरकार के मंत्री और लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया और कहा कि बाबा हिंदू मुस्लिम कर रहे हैं तो उन्हें वो एयरपोर्ट पर ही घोर अपराध। ऐसे में बिहार में एंट्री से पहले बाबा बागेश्वर का जबरदस्त विरोध शुरू हो गया था।

बिहार और बिहारी से बाबा को उम्मीद है क्यों?

13 मई को पूर्वांचल एयरपोर्ट पर जब धीरे-धीरे शास्त्री पहुंचे तो उन्होंने फिर स्वीकार किया कि वह हिंदू-मुस्लिम नहीं बल्कि हिंदू-हिंदू करते हैं। बाबा की कथा सुनने के लिए जिस तरह से त्रेत पाली मठ में लोगों की भीड़ उमड़ी उससे यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि भक्तों के बाबा के प्रति कितनी दीवानगी है। बिहार में बाबा का विरोध हुआ, पोस्टर पर चढ़ गए, पोस्टर पर 420 लिखा गया लेकिन बाबा ने भीड़ और भक्तों का प्यार देखकर मान लिया और उनकी उम्मीद कि बिहार ही वो जगह है जहां से उनका सपना पूरा हो सकता है।

बाबा ने अंतिम दिन स्वयं कहा- चक्र से चक्र होगा स्वप्न

कथा के अंतिम दिन जब बुधवार (17 मई) को होटल से निकले और कार्यक्रम स्थल पर जाने लगे तो एबीपी न्यूज के कैमरे पर उन्होंने यह कहा कि बाबा को लगता है कि उनका सपना चक्र से साकार होगा। बिहार ही देम मुफीद जगह कंपनियाँ है।

निवर्तमान कुमार तक ने विरोध किया है

बता दें कि बागेश्वर सरकार का विरोध आरजेडी के नेताओं ने ही नहीं बल्कि खुद नौकरी चाहने वालों ने भी विरोध जताया था। निवर्तमान कुमार ने सवाल किए थे। कहा था- “हमको आश्चर्य होता है जो ऐसा बोलते हैं। क्या जरूरत है ऐसा बोलने की? यहां हिंदू-मुस्लिम सभी हैं। अपनी शैली से पूजा के अधिकार हैं। सभी धर्मों के अधिकार हैं।”

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Umesh Solanki

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