हनुमान जी विवाह कथा सूर्य देव पुत्री सुवर्चला बजरंगबली पत्नी
Spread the love

[ad_1]

हनुमान जी विवाह: हनुमान जी को कलयुग का सबसे बड़ा देवता माना जाता है। मान्यता है कि बजरंगबली चिरंजीवी हैं, जो भक्त प्रमाण मन से उनके देवता करते हैं हनुमान जी स्वयं दौड़ते चले आते हैं। हनुमानजी ने अपना सारा जीवन प्रभु राम की भक्ति में ही समर्पित कर दिया था। हनुमान जी बाल बहमचारी हैं लेकिन ग्रंथों के अनुसार हनुमान जी का विवाह भी टूट गया है।

यहां तक ​​कि भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जहां हनुमानजी और उनकी पत्नी की एक साथ पूजा की जाती है। कैसे हुआ हनुमान जी का विवाह, कौन है उनकी पत्नी और विवाह होने के बाद भी हनुमान जी को ब्रह्मचारी क्यों कहा जाता है? आइए जानते हैं शनिवार के सवालों के जवाब।

क्यों की हनुमान जी ने शादी ? (हनुमान जी विवाह की कथा)

धर्म रीलों

हनुमान जी के विवाह की कथा पाराशर संहिता में मिलती है। पराशर संहिता के अनुसार हनुमान जी ने सूर्य देव को अपना गुरु मान लिया था। सूर्य देव के पास 9 विद्याएं थीं, जिनकी शिक्षा हनुमान जी प्राप्त करना चाहते थे। पांच विद्याएं तो हनुमान जी सिख ली थी लेकिन अन्य चार विद्याओं का ज्ञान हनुमान जी को देने के लिए सूर्य देव के सामने संकट खड़ा हो गया क्योंकि इसके लिए जी हनुमान की शादी होना अनिवार्य था।

कौन है हनुमान जी की पत्नी ? (हनुमान जी और पत्नी)

इस स्थिति में सूर्य देव ने हनुमान जी को विवाह की सलाह दी। हनुमान जी पूरी शिक्षा लेने का प्रण कर चुके थे बंधा बजरंगबली विवाह सूत्र में बंधने को तैयार हो गए। अब हनुमान जी के लिए कौन दुल्हन इसे लेकर सभी दृश्य करेगी तभी सूर्यदेव ने अपने परम तेजस्वी पुत्र सुरवचला के साथ हनुमान जी के विवाह की बात रखी। पूरे विधान विधान के साथ हनुमान जी और सुरवचला का विवाह हुआ। इसके बाद सूर्य देव ने शिक्षा के क्रम को आगे की ओर झुके हुए हनुमान जी को सभी विधान प्रदान किए।

शादी के बाद भी ब्रह्मचारी कहलाए हनुमान जी

विवाह से पहले सूर्य देव ने जी से कहा था कि वह विवाह के बाद भी बाल ब्रह्मचारी ही रहेंगे क्योंकि उनकी पुत्री सुर्वचला विवाह के बाद भी तप में लीन रहेगी। परम तपस्वी होने के कारण सर्वचला तपस्या में लीन हो गए। इस तरह हनुमान जी भले ही शादी के बंधन में बंध गए हों लेकिन भौतिक रूप से वे आज भी एक ब्रह्मचारी ही हैं।

यहां पत्नी संग पूजे हो जाते हैं हनुमान जी

नोएडा के खम्मम जिले में हनुमान जी का मंदिर बना है जहां हनुमान जी गृहस्थ रूप में अपनी पत्नी सुवर्चला के साथ विराजमान हैं। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से समानता जीवन में आने वाले सभी प्रकार के समाधान हो जाते हैं।

ज्येष्ठ अमावस्या 2023: 19 मई को ज्येष्ठ अमावस्या पर शोभन योग का संयोग, शनि देव और नाराज पितर को ऐसे करें खुश

अस्वीकरण: यहां देखें सूचना स्ट्रीमिंग सिर्फ और सूचनाओं पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी विशेषज्ञ की जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित सलाह लें।

[ad_2]

Source link

Umesh Solanki

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *