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कर्नाटक में सिद्धारमैया ने दूसरी बार पद की शपथ ली. इस शपथ समारोह के माध्यम से कांग्रेस ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। कर्नाटक के मंच से विपक्षी एकता का संदेश भी देने की पूरी कोशिश हुई लेकिन कई बड़े नेताओं के गैरमौजूदगी ने फैसले के डगर में सवाल को रोड़े खड़े कर दिए।
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