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तंबाकू सबसे ज्यादा किस देश में पैदा होता है और कौन से देश के लोग सबसे ज्यादा धूम्रपान करते हैं, ये बड़ा इंटरेस्टिंग सवाल है। इस महीने की 31 तारीख को दुनिया हर साल ‘नो टोबैको डे’ मनाती है। हर साल ये तारीख आती है और लोग स्मोकिंग कम करने की शपथ लेते हैं लेकिन ऑनसाइड होता है। तंबाकू की खपत हर साल बढ़ रही है और ज्यादा से ज्यादा लोग सिगरेट के शौकीन होते जा रहे हैं।
सबसे ज्यादा तंबाकू पैदा करने वाला देश
चीन इस मामले में शीर्ष पर है। हर साल दुनिया में 6,665,713 टन तंबाकू पैदा होता है। इसमें अकेले चीन का कॉन्ट्रीब्यूशन 2,806,770 टन है। भारत दूसरे नंबर पर है। हर साल भारत में 761,318 टन तंबाकू पैदा होता है। दुनिया भर में जितना तंबाकू यूज होता है उसका 50 प्रतिशत अकेला भारत और चीन में पैदा होता है।
सबसे ज्यादा तंबाकू फूंकने-खाने वाले लोग
चीन में सबसे ज्यादा तंबाकू होता है तो चीन के ही लोग इस मामले में नंबर वन हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार चीन में लगभग 30 करोड़ लोग धूम्रपान करते हैं। चीन के कुछ लोगों से ज्यादा युवा सिगरेट-बीड़ी पीते हैं। इंडिया भी पीछे नहीं हैं यहां के लगभग 27.20 प्रतिशत लोग किसी न किसी तरह से तंबाकू का सेवन करते हैं।
कहां के लोग कम टोबैको यूज करते हैं
स्वीडन, आइसलैंड, फिनलैंड , नॉर्वे, लग्जमबर्ग में रहने वाले लोग तंबाकू ज्यादा यूज नहीं करते। इन देशों की जनता खुद में मस्त रहती है। कुल जनसंख्या से 9-10 प्रतिशत ही लोग तंबाकू का उपयोग करते हैं।
तंबाकू कैसे बनता है?
तंबाकू में निकोटिन सहित 60 तरह के व्याध पदार्थ होते हैं। कैंसर पर काम करने वाले एक सरकारी वेबसाइट के अनुसार तंबाकू के दागों में 7,000 से अधिक प्रचार में से कम से कम 250 को खतरनाक मानते हैं। इनमें से साइनाइड्स , कार्बन मोनोऑक्साइड और एक मानक शामिल हैं। बीड़ी, सिगरेट, गुटखा के माध्यम से तंबाकू रक्त और फेफड़ों में पहुंचता है। इससे तारा (कार्बनिक रसायन) बनता है जो फेफड़ों से जुड़ा होता है। इससे फेफड़ों की एकता में ऑक्सीजन बंधन और कार्बन डाई के बंधन में कमी होने की क्षमता होती है। धीरे-धीरे प्रक्रिया से कैंसर तक पहुंच जाता है।
कितनी होती हैं धोखा
धूम्रपान की वजह से दुनिया के कई देश असमय मर जाते हैं। अमेरिका में हर साल लगभग 5 लाख लोग तंबाकू के कारण मरते हैं। भारत में हर साल 13 लाख लोग तंबाकू के सेवन से मर जाते हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार, भारत में 2020 में देश के कैंसर बोझ का 27% हिस्सा तंबाकू से संबंधित कैंसर का था।
एक सिगरेट शरीर में क्या व्यग्रता है
– धुएं की नाक की बाहरी परत को नुकसान पहुंचता है।
– सिगरेट की गर्मी से मुंह, चेहरे और नाक की त्वचा पर असर पड़ता है।
– होंठ काले पड़ जाते हैं और झुर्रियां आने लगती हैं। हैं।
– स्मोक्ड दांतों के एनामल पर जा उन्हें पीला लगता है।
– मुंह के अंदर की त्वचा डैमेज होने लगती है
– दांतों के बीच की कैविटी में तारा जमने है
– मुंह में लार कम बनती है, मुंह नमस्कार करता है। – धूम्रपान गले में मौजूद पतली परत को नुकसान पहुंचता है
– थ्रोट इन्फेक्शन और कैंसर का परिणाम होता है
– तंबाकू के केमिकल्स वोकल कॉर्ड को डैमेज करने वाले होते हैं
– काफी समय तक सिगरेट पीते हैं गले का कैंसर भी हो सकता है
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