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उत्तराखंड समाचार: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (समान नागरिक संहिता) का मसौदा तैयार करने के लिए प्राधिकरण समिति 24 व 25 मई को यहां विभिन्न आयोगों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित करने के साथ ही लोगों से जनसंवाद भी हुए।
समान नागरिक संहिता समिति के अपर सचिव प्रताप सिंह शाह ने यहां बताया कि प्रदेश में रहने वाले नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता तैयार करने के लिए समिति 24 मई को प्रदेश के विभिन्न आयोगों के साथ बैठक प्रबंधकों ने बैठक की। उन्होंने बताया कि उसी दिन समिति का जनसंवाद कार्यक्रम भी होगा। अगले दिन समिति विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श करेगी।
क्या बोले सीएम धामी?
उत्तराखंड के उल्लेखनीय पुष्कर सिंह धामी ने पिछले सप्ताह कहा था कि राज्य के लिए समान नागरिक संहिता पर 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और 30 जून तक इसका मसौदा तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली समिति ने उन्हें बताया कि वह 30 जून तक मसौदा पेश करेंगे, जिसके बाद उन्हें लागू करने के लिए कदम उठाया जाएगा।
प्रदेश में समान नागरिक संहिता को पिछले साल फरवरी में विधानसभा चुनावों में बीजेपी के प्रमुख चुनावी मुददों में से एक था और चुनाव में जीत के साथ बीजेपी ने प्रदेश की सत्ता में लगातार दूसरी बार आने का इतिहास बनाया था। दरअसल, यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी सरकार ने ड्राफ्ट कमेटी का गठन किया था।
इसके बाद समिति ने मसौदा तैयार करना शुरू किया था। सूत्र की सूचना तक यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा सरकार इस महीने के अंत तक पूरा करके सौंप सकती है। जिसके बाद धामी सरकार इस बिल को विधानसभा में पास कर धरातल पर लागू करने के प्रयास में लगेगी। इस साल के अंत में इसे राज्य में लागू किए गए अनुमान जाने की अनुमान है।
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