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गंगा दशहरा 2023: ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व बड़ा धूम-धाम से मनाया जाता है। यह हर सक्षम दो चार में प्रवेश करने से दस प्रकार के पापों से मुक्त हो सकता है। इसके अलावा शनि की साढ़ेसाती-ढैय्या दशा, कालसर्प योग, मंगल आदि योजनाओं के विपरीत प्रभावों को शांत करने के लिए। अपने तन-मन को निर्मल और शुद्ध करने के लिए इस पावन दिन गंगा मां का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। इसीलिए इस दिन को गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है।
इस साल गंगा दशहरा 30 मई 2023 मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन शुभ मुहूर्त सुबह 10:35 से दोपहर 12:19 तक. इसके बाद अमृत का मुहूर्त दोपहर 12:19 से 2 बजे तक है। इस दिन वाशी, सुनफा, रवि और सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। साथ ही शुक्र ग्रह कर्क राशि में प्रवेश करेगा। शुक्र के गोचर से इस दिन धन योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में इन पांचों योग में गंगा स्नान, पूजा और गंगाजल से संबंधित उपाय करने पर सभी दुखों का नाश होगा।
इस दिन गंगा स्नान के साथ दूर करें पाप
- गंगा दशहरा के दिन आम खाने, आम लोगों के दान करने का विशेष महत्व बताया गया है।
- अगर गंगा स्नान के दिन आप स्नान करें ना जाएं तो आस-पास के जलयोजन या घर में ही गंगा के चित्र को रखने के लिए पूजा, गण आदि संपन्न हो सकते हैं।
- हुए विकास के लिए गंगा दशहरा के दिन ब्रेंस के लोटे में जल, गंगाजल, रोली, अक्षरत और कुछ गेंहू के शेयर ऊँ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करते सूर्यदेव को अघ्र्य दें।
- इसके बाद आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें।
- रोग मुक्ति के लिए गंगा दशहरे के दिन पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करके शिव मंदिर या घर के पूजन कक्ष में ‘विष नाशिन्यै, जीवनायै नमोऽस्तु ते, ताप त्रय संहन्त्र्यै, प्राणेश्यै ते नमो नमः’ मंत्र का 1 माला जाप करें।
- कुण्डली में यदि कोई ग्रह दोष से परेशान है तो शिवलिंग पर गंगाजल से अभिषेक करके गंगा स्त्रोत का पाठ करें।
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