[ad_1]

कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी 2023 जून में: पंचांग के अनुसार हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश (भगवान गणेश) की विशेष पूजा की जाती है और व्रत किए जाते हैं। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी (संकष्टी चतुर्थी 2023) और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी (विनायक चतुर्थी 2023) कहा जाता है।

आषाढ़ महीने में पहली चतुर्थी व्रत बुधवार 07 जून 2023 को रखा जाएगा। चतुर्थी और बुधवार के दिन हिंदू संघ के अनुसार भगवान की पूजा की जाती है। ऐसे में बुधवार के दिन संकष्टी चतुर्थी का अनुगामी बहुत शुभ माना जा रहा है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत संपन्न होता है गणेश जी की पूजा करने से जीवन में आने से वे संकटग्रस्त हो जाते हैं। संकष्टी चतुर्थी के दिन यदि आप भी भगवान गणेश को प्रसन्न कर उन्हें आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो पूजा में भगवान की प्रिय इन वस्तुओं को अवश्य शामिल करें।

संकष्टी चतुर्थी पूजा में जरूर शामिल करें ये चीजें

  • मोदक: भगवान गणेश को मोदक अतिप्रिय है। इसलिए गणेश जी की पूजा में मोदक अवश्य चढ़ाएं। इसके बिना बेटे गौरी गणेश की पूजा अधूरी मानी जाती है।
  • लाल फूल: गणेशी को प्रसन्न करने के लिए उनकी पसंदीदा वस्तुओं को पूजा में अवश्य शामिल करें। भगवान गणेश को लाल रंग के फूल पसंद है। इसी के साथ उन्हें बल्ला के फूल भी बहुत प्रिय हैं।
  • सिंदूर : सिंदूर के बिना गणेश जी की कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए संकष्टी चतुर्थी की पूजा में भी भगवान गणेश के सिंदूर से तिलक जरूर लगाएं।
  • दूर्वा: भगवान को दूर्वा अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं। आप 21 या 11 दूर्वा घास की पूजा में अवश्य चढ़ेंगे। इससे न केवल बप्पा प्रसन्न होंते हैं, बल्कि भक्तों के सभी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं।
  • केला: भगवान को केला बहुत पसंद है। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पूजा में गणेश जी को हमेशा जोड़े में ही केला चढ़ाना चाहिए। यानी 2, 4 या 6 केले चढ़ाएं। एक केला को कभी भी भगवान गणेश को नहीं चढ़ाना चाहिए।

ये भी पढ़ें: मेहंदीपुर बालाजी: ऋणपुर बालाजी का प्रसाद न खा सकते हैं और न खिला सकते हैं! रहस्य क्या है? जानें

अस्वीकरण: यहां बताई गई जानकारी सिर्फ संदेशों और सूचनाओं पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी विशेषज्ञ की जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित सलाह लें।

[ad_2]

Source link

Umesh Solanki

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *