मुलचेरा के लगाम वन क्षेत्र के तुमोरगुंड गांव से कंचनपुर जंगल रास्ते पर बन रही नाले पर स्लैब ब्रिज को ठेकेदार द्वारा लीपा पोती कर हल्के दर्ज का बनाया गया जहा केसर के 40 एमएम गिट्ठी लगाना था वहा जंगल के बड़े बड़े बोल्डर से कमजोर दर्ज का स्लैब ब्रिज बनाकर वन विभाग को ठगा गया।ब्रिज के पिलर में बड़े बड़े बोल्डर डालकर काम खर्च में ब्रिज बना दिया गया । स्लैब ब्रिज को बन कर तयार हुआ 3 दिन ही हुई परंतु क्रैक होने लगी।वन विभाग के इस समय आंन गिनत काम सुरु हैं। ज्यादातर कामों में भ्रष्टचार हो रही हैं।

ठेकेदार अल्लापाली वन परिक्षेत्र में हरियाणा से आए अनजान जो इस क्षेत्र का कोई जानकारी नहीं। उन्हे भी क्षेत्र में काम दिया गया।जबकि स्थानीय आदिवासी बहुल क्षेत्रों में अनेकों बेरोजगार कर्मठ लोग भी हैं।जिन्हे जंगल की ज्यादा जानकारी हैं।लेकिन वन विभाग के द्वारा हरियाणे के ठेकेदार को काम दिया गया। इससे क्षेत्र के कर्मठ ठेकदार बेरोजगार में असंतोष होने की जानकारी सुगबुगाहट दिखास जा सकता हैं। आगे चलकर यही हरियाणा बिहार के ठेकेदार क्षेत्र में अपना पाव पसारकर स्थानीय के रोजगार पर कुंडली मारकर बैठे दिखेंगे। और स्थानीय इनके यहा हमाल के काम करेंगे। कबतक स्थानीय के साथ अन्नय होता रहेगा? क्या वन विभाग थोड़ा लाभ के लिए पर राज्य के ठेकेदार को वन के काम देकर स्थानीय के साथ अन्नय और धोखा करती रहेगी।

गड़चितोली से ज्ञानेंद्र विश्वास

संजय रामटेके ( सह संपादक )

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