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<पी शैली ="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"> अगर आपके परिवार में कोई बूढ़ा व्यक्ति है तो आप इस बात को भली-भांति जानते होंगे कि वे जल्दी उठ जाते हैं। कई बार उन्हें रात की नींद भी नहीं दिखाई देती। भले ही आपको लगता हो कि ये अनिद्रा की वजह से हो रहा है, मगर ऐसा नहीं है। आम तौर पर कई बड़े लोग होते हैं, उन सभी को सोने में परेशानी होती है और कई बार वे रात में उठ जाते हैं। दोबारा सोने की कोशिश करने पर भी उन्हें नींद नहीं आती। आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है। 

प्रतिक्रिया करने की शक्ति की कमजोरी होना

जब हम बड़े हो रहे होते हैं, तो हमारे सोने और घबराहट की क्रिया प्रभावित होती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि समय के साथ हमारा दिमाग ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं करता है। उम्र बढ़ने की वजह से हमारा दिमाग सूर्योदय और सूरज जैसी चीजें पर सही से प्रतिक्रिया नहीं पाता है। इसकी वजह से हमारे सोने का प्रमाण प्रभावित हो जाता है। 

समय ठीक से नहीं हो पाता महसूस

बूढ़े होने पर समय को ठीक ढंग से महसूस करने की शक्ति भी कम होने लगती है। इस वजह से वह अपने से युवा लोगों के लिए ज्यादा ललचाता है। कई बार वह जल्दी सो जाती हैं और जब उनके शरीर की थकान खत्म हो जाती है तो वे सबसे पहले उठ जाते हैं। कई मौकों पर वह रात में भी उठ जाते हैं।

आंखों की कमजोरी

दरअसल, उम्रदराजने के साथ ही देखने की शक्ति भी कम होने लगती है। रोशनी को देखकर हमारा दिमाग अलग तरह से काम करता है। ऐसी रोशनी दिखने पर हमें ये उठने के लिए कहते हैं। लेकिन जब आंखों की रोशनी कमजोर होती है, तो ऐसा कर पाने में हम असफल होते हैं। यही कारण है कि कई बार वे हमसे जल्दी उठ जाते हैं। 

क्या है हल?

अगर आप चाहते हैं कि आप पूरी रात आराम से सोएं, तो आप हर रोज शाम को डूबने से पहले 30 से 60 मिनट तक खुद को रोशन कर लें। आप ऐसा चलने पर कर सकते हैं। अगर आपको बाहर जाने का मन नहीं है, तो आप ब्राइट स्क्रीन पर टीवी या नंबर देख सकते हैं। चमकदार रोशनी की वजह से आपका दिमाग बदल जाता है कि अभी भी अंधेरा नहीं है।

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Umesh Solanki

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