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छत्तीसगढ़ समाचार: छत्तीसगढ़ में बच्चों की गर्मी की छुट्टी खत्म हो गई है। 16 जून से नए सत्र की शुरुआत के साथ स्कूल खुलेंगे। इसके लिए स्कूली शिक्षा विभाग (शिक्षा विभाग) की तरफ से तैयारी शुरू कर दी गई है। राज्य के सभी स्कूलों में 16 जून से 15 जुलाई तक प्रवेश प्रवेश उत्सव (प्रवेश समारोह) मनाया जाएगा। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किया गया है। चरणबद्ध तरीके से स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में 16 जून से खुल रहे स्कूल
खास बात यह है कि इस साल 16 जून को स्कूलों में जेवर लगना शुरू हो जाएगा। इसके साथ नोट(प्रवेश) भी शुरू हो जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार इसे प्रवेश उत्सव के रूप में प्रबंधित करेगी। एक माह तक चलने वाले स्कूल में प्रवेश उत्सव की शुरुआत 10 दिनों के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। पहले दिन सभी स्कूलों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टीकाम के संदेश का वाचन (पढ़ना) किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों द्वारा नई साझेदारी बच्चों का स्वागत, बच्चों को मिलने की व्यवस्था का वितरण किया जाएगा। इसके साथ जनप्रतिनिधियों द्वारा स्कूल के विकास के लिए शपथ के लिए शपथ लेंगे। वहीं बच्चों द्वारा विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम (सांस्कृतिक कार्यक्रम) प्रस्तुत किए जाएंगे। स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों का सम्मान किया जाएगा।

100 प्रतिशत बच्चों के एडमिशन के लिए बड़ी तैयारी
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने सभी जिला कलेक्टर और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया है। प्रवेश विद्यालय उत्सव (स्कूल प्रवेश समारोह) को जन-जन का अभियान बनाने के लिए व्यक्तिगत खाते लेते हुए इसे सभी स्तरों पर सफल बनाएं ताकि 100 प्रतिशत बच्चों को स्कूलों में जमा हो सके। सत्र होने से पहले स्कूल प्रबंधन समिति की विशेष बैठक का आयोजन करने का दावा किया गया है। प्रवेश उत्सव के दौरान पहले दिन राज्य स्तरीय कार्यक्रम की सभी स्कुलों में घोषणा की जाएगी।

10 दिन तक बड़े स्तर पर अभियान चलाएगा
गांव को जीरो ड्राप आउट घोषित करने के लिए अभियान चलेगा। बड़े बड़े बच्चों की जिम्मेदारी है कि गांव में बच्चों के पालकों (माता-पिता) से मिलें और प्रतिदिन बच्चों को कक्षा में देखने के लिए प्रेरित करें। बड़ी कक्षा के बच्चे यह काम तब तक करेंगे जब तक कि स्कूल उचित उम्र के सभी बच्चों को ये स्कूल नियमित आने के लिए सहमत न कर लें। बच्चों को सामान्य गणित के प्रश्न बनाने का अभ्यास करेंगे।प्रत्येक स्कूल में खेलगढ़िया(खेलगढ़िया) के अंतर्गत खेल(खेल) सामग्री उपलब्ध करवाई गई है। प्रवेशोत्सव के छठवें दिन सभी स्कूलों में खेलकूद का आयोजन किया जाएगा। दाखिले के दौरान हर स्कूल में कम से कम दस कहानी की किताबें जन सहयोग से तैयार करवाते हुए लाने का निर्देश दिया गया है। इन पुस्तकों को बाद में एक दूसरे विद्यालयों में अनेक पाठकीय अवसर दिए जाएँगे।

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Umesh Solanki

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