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नीम करोली बाबा कैंची धाम स्थापना दिवस: उत्तराखंड के नैनीताल जिले से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर कैंची धाम (कैंची धाम) स्थित है। इसे देश-दुनिया के श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक माना जाता है। कैंची धाम से कई चमत्कारिक कहानियां भी जुड़ी हुई हैं।

स्काई धाम के बाबा नीम करोली (नीम करोली बाबा) की ख्याति भी देश-विदेश तक भर गई है। आमजन से लेकर देश-विदेश के राजनेता, खिलाड़ी, सेलेब्रिटी और जानी-मानी हस्तियां नीम करोली बाबा के भक्त हैं। कैंची धाम को लेकर ऐसी मान्यता है कि बाबा के इस चमत्कारी धाम में जो भी आता है वह खाली हाथ नहीं लौटता है।

15 जून को धाम का 59वां स्थापना दिवस

हर साल 15 जून के दिन कैंची धाम का स्थापना दिवस (कैंची धाम स्थापना दिवस) मनाया जाता है। इस मौके पर यहां भव्य मेला लगता है, जिसकी रचनाएं कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं। बता दें कि नीम करोली बाबा पहली बार 1961 में यहां आए थे। बाबा ने अपने दोस्त पूर्णानंद के साथ मिलकर कैंची धाम में अजर (कैंची धाम आश्रम) बनाने पर विचार किया था। इसके बाग की स्थापना 15 जून 1964 को आस-पास की स्थापना की गई थी। इस साल कैंची धाम आश्रम का 59वां स्थापना दिवस (कैंची धाम 59वां स्थापना दिवस) मनाया जाएगा।

जोर-शोर से चल रही स्थापना दिवस की तैयारी

हर साल बाबा के दिव्य अजाय धाम का स्थापना दिवस भव्य तरीके से मनाया जाता है। यहां मेले की भी घटना होती है, जिसमें देश-विदेश से लाखों की तादाद में खातेदार हैं। इस बार भी दो लाख से अधिक ग्राहकों के पहुंचने की उम्मीद है। इस बार भी धाम के स्थापना दिवस पर विशाल मेले के साथ विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। उस दिन बाबा को मालपुए का भोग लगाया जाता है और फिर भक्तों के बीच इसे प्रसाद के रूप में प्रसारित किया जाता है।

खबरों के मुताबिक, इस साल मालपुए का भोग तैयार करने के लिए मुथ के सोंख गांव से 45 कलाकार कैंची धाम पहुंचे हैं। कारीगरों के साथ ही कैंची धाम ट्रस्ट के कई लोग भी इसमें अपना सहयोग दे रहे हैं। प्रसाद वितरण के लिए मंदिर के ट्रस्ट द्वारा दिल्ली से 35 क्विंटल कागल की थालियां मंगवाई गई हैं। वहीं यायातात और भक्तों की सुविधाओं के लिए मंदिर प्रशासन भी तैयारियों में जुटा है।

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Umesh Solanki

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