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निम्न रक्त शर्करा जटिलताओं: ब्लड शुगर की बढ़त कि बढ़ने का खतरा। शुगर लेवल राइज न हो इसके लिए लोग जी जान एक कर देते हैं। जरूरत पड़ने पर डाइट में भारी बदलाव किए जाते हैं और दवाएं भी ली जाती हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि शुगर रखने की कोशिशों के कारण या किसी अन्य कारण से शुगर घट भी सकती है। शुगर की घटना कई बार शुगर लेवल हाई होने से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है।
हाइपोग्लाइसीमिया की शुरुआत
शरीर में ब्लड शुगर लेवल कम होने की स्थिति को हाईग्लाइसीमिया कहा जाता है। लूलिन के लिए जो दवाएं ली जाती हैं वो कई बार हाइपोग्लाइसीमिया के कारण बन जाती हैं। ऐसा बार-बार होता है तो इस मामले में अलर्ट रहना जरूरी है साथ ही जरूरत पड़ने पर डॉक्टर को भी कॉन्टेक्ट किया जाना जरूरी है।
हाइपोग्लाइसीमिया या लो हो रही है शुगर?
हाइपोग्लाइसीमिया यानी कि कम ब्लड शुगर के लक्षण लोगों में अलग-अलग दुर्घटना के हो सकते हैं। जो कारण बनता है। ब्लड शुगर कम होने पर तेज कंपकंपी हो सकती है। कुछ लोगों को असामान्य रूप से ठंड लगती है या पसीना आ सकता है। शुगर कम होने का असर दिल पर भी पड़ सकता है जिसकी गति तेज हो जाती है। हाइपोग्लाइसीमिया की वजह से व्यक्ति को भ्रम में होने की समस्या होती है। किस कारण से वो ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता। इसके अलावा घबराहट, घबराहट या बेहोशी भी सामान्य लक्षण हैं।
लंबे समय तक शुगर कम रहने से व्यक्ति कोमा में जा सकता है। यदि शुगर लेवल लगातार 60 या उससे कम हो तो तुरंत उपचार की आवश्यकता होगी।
लो हो शुगर तो क्या करें?
इस मामले में अमेरिकन फाइबर एसोसिएशन की सलाह है कि शुगर लेवल कम होने पर कार्बोहाइड्रेट तुरंत बनाने वाली चीज़ें प्राप्त होती हैं। रोगी को लगातार आब्जर्वेशन में रखें। अगर रोशनी कार्बोहाईड्रेंट वाली चीजों से स्थिति सामान्य नहीं है तो जल्द ही किसी डॉक्टर से संपर्क करें।
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