मूलचेरा पंचायत समिति अंर्तगत शांतिग्राम में बनाई गई स्वच्छ भारत योजना के तहत सार्वजनिक शौचालय निर्माण बड़े ही दिखने में सुंदर बेशक हो। शौचालय के छत पर बाकायदा पानी के टंकी दिखाई देगी।लेकिन शौचालय में पानी नही मिलेगी। बिन पानी के सौचलाय आखिर सरकार को बिन पानी के शौचालय निर्माण के लिए गांव के जनता बहुत खुश हैं।वही पुराना जमाने की याद ताजा हो जाती हैं।सुबह सुबह हाथ में लौटा भर पानी। मुंह में दात घिसते नीमकी लकड़ी।सरकार की योजना को तारीफ करते दिखे जा सकते हैं।
गांव में।राज्य सरकार कहती हैं गांव गांव में सड़को गांव को हगनदार मुफ्त करने की योजना बेहतर कार्य के लिए दिखा जा सकता हैं।अब नया कारनामा बिन पानी के शौचालय निर्माण। आखिर जनता जानना चाहती हैं।सरकार से कैसे बिन पानी के सौच कैसे जाना? 4 से लाख से 6 लाख में बनाई गई शौचालय में पानी क्यू नही? सरकार पीएम आवास के लिए 1लाख 50 हजार मंजूर करती हैं।और शौचालय के 5 लाख वैसा केवल हमारे देश में हो सकता हैं।शौचालय 5 लाख में और रहने का घर 1लाख 50 हजार में।आखिर सरकार अतिबुद्धिमान अभियंता कौनसी यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर सरकारी वेतन पर रखते हैं? शांतिग्राम के सार्वजनिक शौचालय को बने 8 महीने हो चुका हैं लेकिन पानी हाथ और (,,,,,) धोने के लिए पानी की यवस्था नही? लगता हैं अभियंता को एस्टीमेट में पानी के यावस्था के लिए खर्च लिखना याद नहीं ? कब तक गाड़चिरोली जिला परिषद अंतर्गत मूलचेरा पंचायत समिति के शांतिग्राम ग्राम पंचायत में कितने भ्रष्ट काम होती रहेगी?

गड़चिरोली से ज्ञानेंद्र विश्वास

संजय रामटेके ( सह संपादक )

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