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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2023 कथा हिंदी में: 19 जून को आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है, जिसका समापन 27 जून को होगा। गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्या की पूजा का महत्व है।

ये 10 महाविद्याएं हैं- मां काली, मां तारा, मां छिन्नमस्ता, मां षोड़शी, मां भुवनेश्वरी, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां नेत्रहीन, मां मातंगी और मां कमला। गोपनीयता पर तंत्र-मंत्र की विद्या और साधना के लिए गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है। इसलिए गुप्त नवरात्रि की पूजा मां भगवती के भक्त, तांत्रिक और साधक सभी करते हैं। इस संबंध में गुप्त नवरात्रि से जुड़ी यह कथा काफी प्रचलित है।

गुप्त नवरात्रि कथा (गुप्त नवरात्रि कथा)

गुप्त नवरात्रि से जुड़ी प्राचीन और प्रमाणिक कथा के अनुसार, एक बार ऋषि श्रृंगी भक्तों को दर्शन दे रहे थे। उसी भीड़ से एक महिला निकली और करबद्ध ऋषि होकर श्रृंगी से कहने लगी कि मेरे पति दुर्व्यसनों से हमेशा अनजान रहती हैं, जिस कारण मैं धर्म और भक्ति से कोई काम या पूजा-पाठ नहीं कर रही हूं।

अपने पति के कारण ऋषियों को अन्न तक समर्पित नहीं कर पाते। लेकिन मैं मां भगवती की सेवा करना चाहता हूं और चाहता हूं कि मां की भक्ति व साधना से मेरे परिवार का जीवन सफल हो सके। ऋषि श्रृंगी मां भगवती के प्रति महिला की भक्तिभाव से बहुत प्रसन्न हुए। ऋषि ने महिला को इसके लिए एक उपाय भी बताया। उन्होंने कहा कि चैत्र और आश्विन महीने की नवरात्रि के बारे में तो सभी जानते हैं। लेकिन इसके अलावा अन्य दो नवरात्र भी हैं, जिन्हें ‘गुप्त नवरात्रि’ कहा जाता है।

ऋषि ने महिला को बताया कि नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा होती है और गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की साधना का महत्व है। इन नवरात्र की प्रमुख देवी स्वरूप का नाम सर्वेश्वर्यकारिणी देवी है। अगर कोई भक्त गुप्त नवरात्रि में माता दुर्गा की पूजा-साधना करता है तो उनका जीवन सफल हो जाता है।

ऋषि श्रृंगी आगे कहते हैं कि लोभी, कामी, व्यसनी, मांसाहारी और किसी कारण पूजा-पाठ न करने वाले भी यदि गुप्त नवरात्रि में मां की पूजा करते हैं, तो उन्हें फिर से कुछ और करने की आवश्यकता नहीं है। ऋषि श्रृंगी के बताए इस उपाय का महिला ने पूर्ण श्रद्धा से पालन किया और गुप्त नवरात्रि की पूजा की। महिला की पूजा से मां हुई और धीरे-धीरे उसके जीवन में परिवर्तन आया। कुछ समय बाद घर पर सुख-शांति आ गई और पति भी सही मार्ग पर चलने लगे। इस तरह से गुप्त नवरात्रि की पूजा से महिलाओं का जीवन पुन: खिल उठा।

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Umesh Solanki

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