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चातुर्मास 2023: 29 जून 2023 से चातुर्मास प्रारंभ हो रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार देवशयनी एकादशी के बाद चातुर्मास लगते हैं जिसका समापन कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी पर होता है। चातुर्मास अर्थात हिंदू धर्म के 4 महत्वपूर्ण माह।
चातुर्मास में सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक शामिल होते हैं। इस वर्ष अधिकमास से चातुर्मास 5 महीने का होगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार चातुर्मास में देव सो मिलते हैं, ऐसे में 4 महीनों में किन देवी-देवताओं की पूजा की जानी चाहिए। आइए जानते हैं।
सावन 2023 – 4 जुलाई 2023 – 31 अगस्त 2023
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। धर्म ग्रंथों के अनुसार देवशयनी एकादशी के बाद जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु जी क्षीर सागर में योग निद्रा में चले जाते हैं। ऐसे में चातुर्मास में सृष्टि का संचालन भगवान शिव ही करते हैं। सावन माह में भगवान शिव की उपासना करने वालों के हर कष्ट दूर हो जाते हैं। सुखींप दात्य जीवन और सुयोग्य वरप्राप्ति के लिए सावन में हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है। वहीं सावन में श्रीकृष्ण की आराधना का भी विधान है। सावन में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा द्वारपाल के रूप में की जाती है।
अधिकमास 2023 – 18 जुलाई 2023 – 16 अगस्त 2023
अधिकमास में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। आजकल तुलसी पूजा का बहुत महत्व है। कहा जाता है कि जिस घर में अधिक मास के दौरान तुलसी की विशेष पूजा होती है, वहां सौभाग्य बना रहता है।
भाद्रपद 2023 – 1 सितंबर 2023 – 29 सितंबर 2023
सावन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि से भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तक श्रीकृष्ण की उपासना विशेष मानी जाती है। भाद्रपद में ही हुआ था श्रीकृष्ण का जन्म, जन्माष्टमी पर कान्हा की पूजा करने से होती है भौतिक सुखों की प्राप्ति। वहीं भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गौरी पुत्र का गणेश जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस पर्व में 10 दिन गणेश उत्सव कहा जाता है।
अश्विन 2023 – 30 सितंबर 2023 – 28 अक्टूबर 2023
अश्विन के महीने के पितृ और देवी दुर्गा को समर्पित है। आश्विन माह में 16 श्राद्ध किये जाते हैं। आजकल पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध कर्म करने से लेकर पितृलोक की आत्मा तक की तृप्ति होती है, उनके आशीर्वाद से पितृत्व कभी नहीं भोगते। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से 9 दिन तक शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है।
कार्तिक 2023 – 29 अक्टूबर 2023 – 27 नवंबर 2023
कार्तिक माह में मां लक्ष्मी और विष्णु जी की विशेष पूजा की जाती है। कार्तिक मास में स्नान का विशेष महत्व है। कहते हैं किसी व्यक्ति के सारे पाप धो दिए जाते हैं। कार्तिक माह में, भाई दूज, धनतेरस, देवउठनी पूर्णिमा, तुलसी विवाह, देव मनायी जाती है।
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