गड़चिरोली : के मुलचेरा महसूल क्षेत्र के सभी पटवारी कार्यलय क्षेत्र में हर साल की तरह कपास लगाई जाती हैं लेकिन खेती को धान उठित दिखा कर पटवारी के द्वारा प्रशासन का दिशाभूल किए जाने होड़ लगी हैं। पिछले कई सालो से लगाम गोमनी अन्य सभी गांवो में कपास लगाई जाती हैं ज्यादातर खेती में। लेकिन पटवारी के साथ साठ गाठ कर 7/12 पर धान बुवाई दिखाकर प्रशासन का दिशाभूल किया जा रहा हैं।बहुत से लाभार्थी 5 एकार में से केवल 3 ऐकर में धान की खेती करते हैं।और 2 ऐकर में कपास कई किशन वैसे भी हैं जो पूरे की पूरे खेत में कपास बुवाई करते हैं।कई किसान के खेत सालो से पड़ित होने के बावजूद पटवारी धान बुवाई नोंद कर रहे हैं। और बोगस धान बुवाई वाले बाकायदा जीडीसीसी बैंक से धान की बुवाई दिखाकर प्रशासन से कर्ज धान बुवाई के नाम नोंद कर कर्ज ले रहे हैं।खास बात देखने को मिल रहा हैं पटवारी किसी भी खेत में जाकर मौका पंचनामा नही करते। और किसान भी इपिक किसी और के खेत में लगी धान के इपिक ऑनलाइन करवा कर शासन का दिशभूल कर रहे हैं।जिस कारण किसान को लाभ और शासन का नुकसान हो रही हैं।पटवारी को मालूम होते हुए भीं गलत का साथ देकर पटवारी खुद गैर कानूनी काम कर रहे हैं। जिसका जिम्मेदार केवल पटवारी हैं।लेकिन उच्च अधिकारी मुख दर्शक बनकर मौन धारण कर भ्रष्ट काम को बढ़ावा दे रहे हैं। कब्ताक पटवारी के द्वारा बोगस काम करता रहेगा ? और प्रशासन का नुकसान होता रहेगा? क्यों शासन एक पटवारी को एक ही स्थान पर 12 से 15 साल तक पदस्त रखकर भ्रूष्ट कारभार करने की प्रोसाहन देता रहेगा?आखिर क्यों उच्च स्तर के पदस्थ अधिकारी चुप रहकर कुछ भ्रष्ट पटवारी का मनोबल और घोटाला की जोश को बढ़ावा देती रहेगी?

गड़चिरोली से ज्ञानेंद विश्वास

संजय रामटेके ( सह संपादक )

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