मुलचेरा महसुल अंतर्गत सभी पटवारी कार्यलय में पदस्थ पटवारी बताए कि उन्होंने अपने कार्यकाल में प्रशासन का कोई नुकसान होने नही दिया। ईमानदारी से काम किया। हम जनता साबित कर सकते हैं। ज्यादातर पटवारी जो एक ही स्थान पर 5 से 14 साल तक कुंडली मारकर बैठे हैं। और लगातार उच्च अधिकारी के देखरेख में प्रशासन का दिशाभूल कर शासन का नुकसान कर रहे हैं। कपास लगाई खेती को धान उठित दिखाकर पिछले 10 सालो में नुकसान किया गया। 55 साल से पड़ित वर्ग 2 की जमीन को उठीत दिखाकर किसी और की धान जमाकर सोसाइटी में शासन का दिशभुल किया गया। पड़ित जमीन पर धान उठित दिखाकर जीडीसीसी बैंक से किसान कर्ज लिया गया।5 एकर में 3 या 2 में धान लगी हो और बाकी में कपास तो पूरी खेत को धान उठित दिखाकर शासन का दिशाभूल कर नुकसान किया गया।लगाम क्षेत्र में ये सब प्रशासन के साथ दिशाभूल नुकसान पिछले 14 साल से चल रही हैं।लगाम और लगाम चेक के पटवारी का वैसा भ्रष्ट खेल सालो पुरानी हो चुकी हैं। गोमनि से लेकर कई पटवारी क्षेत्र में उच्च अधिकारी के गोदी में भ्रष्ट खेल फलफूल रहा हैं।पटवारी के कारनामे यही तक सीमित नहीं जिस जमीन पर गैर आदिवासी के द्वारा प्लॉट बनाकर पक्के मकान पिछले 15 से रह रह हैं।इस जमीन को को उठीत दिखाया जा रहा ही 14 साल से।आखिर उच्च अधिकारी को पता नही कैसे हो सकता हैं।कई फ्राड किसान दलाल के लिए काम कर रहे हैं। पदित जमीन को धान उठित दिखाकर अन्या राज्य से धान लाकर स्थाई मुलचेरा लगाम गोमनी क्षेत्र के पटवारियों से साठ गांठ कर धान बोगस जमीन के नाम सोसाइटी में धान देकर प्रशासन का करोड़ो का नुकसान कर रहे हैं।क्या शासन के अधिकारी के कान में नजरो में ईमानदारी काम हैं। क्या शासन के नियम में हैं। एक ही स्थान पर 5 से 15 साल तक वैसे भ्रष्ट पटवारी को नियुत्त कर कुंभ कर्ण की नींद लेना? क्या शासन का नुकसान करवाने में पटवारी से लेकर उच्च अधिकारी का भी मिलीभगत नही हैं? आखिर किस आधार पर वैसे भ्रष्ट पटवारी को एक स्थान पर नियुक्ति देकर अधिकारी क्या ईमानदारी दिखाना चाहती हैं।जो पटवारी महीने में 2 दिन मुश्किल से अपने पदस्थ स्थान पर मिलते हैं।उनको 2 स्थान पर नियुक्ति देकर उन्हें भ्रष्ट कर्भार के लिए अव्वल दर्ज के सम्मानित करना चाहिए।या जल्द हटाकर उनके सालो पुरानी स्थान से हटानी चाहिए? आखिर एक पटवारी को 2 स्थान देकर भी किसान को महीनो तलाठी कार्यालय का चक्कर लगाना क्यों ? क्या किसान अधिकारी शासन के लिए खिलौना हैं? क्यू तकलीफ झेले किसान ? क्यू पटवारी का इंतजार करे ? 7/12 के लिए भी पैसा देना होता हैं 50 रुपए।तो महीनो इंतजार क्यू? लगाम तलाठी कार्यालय जाओ तो कहां जाता हैं पटवारी गोमनी में हैं। गोमनी में जाओ तो कहा जाता हैं। मुलचेरा में हैं।आखिर पिछले कई सालो से पटवारी का हाजरी पूरे महीने का कहा पर लगी हैं।अधिकारी सार्वजनिक करे। आखिर बिना ड्यूटी के पटवारी को वेतन क्यों? और कपास लगी खेत को धान उठित क्यू किया जा रहा हैं?क्यों पटवारी सालो से गैर हाजिर रहकर भि वेतन लिया।क्यू गैर हाजिर होकर भी हाजरी दिखाई गई? कौन जिम्मेदार ? आखिर पटवारी की पहुंच हैं या कमाई का एक जरिया हैं?

गदचिरोली से ज्ञानेंद्र विश्वास

संजय रामटेके ( सह संपादक )

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *