बुखार के लक्षण उपचार के प्रकार और कारण

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किसी व्यक्ति को बार-बार बुखार (बुखार) आता है तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इस बात को आप लाइटनिंग में नहीं बोल सकते हैं। साथ ही यह किसी बीमारी के शुरूआती लक्षण भी हो सकते हैं। जैसा कि आपको पता चलता है कि बुखार में शरीर का तापमान 1000.4 होता है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति को बार-बार बुखार आ रहा है तो फिर टेंशन लेने की बात है। यह किसी बीमारी की शुरुआत के संकेत हो सकते हैं। रिसर्च के मुताबिक एक व्यक्ति की नॉर्मल बॉडी टेंपरेचर 98.6 डिग्री फारेनहाइट है। 100.4 डिग्री से ऊपर टेंपरेचर है तो इसे बुखार कहा जाता है। बार-बार बुखार आने को एपिसोडिक फीवर कहा जाता है। बार-बार बुखार आने की समस्या 5 साल से कम उम्र के बच्चे दिखाई देते हैं। वहीं बार-बार बुखार आने के कई कारण हो सकते हैं।

बार-बार बुखार आने के ये हो सकते हैं कारण

बॉडी टेंपरेचर दिन में या एक्सरसाइज के बाद थोड़ी देर के लिए बढ़ सकता है। लेकिन बार-बार बुखार आना बहुत इंफेक्शन की ओर इशारा करता है। इसके साथ ही पीरियोडिक फीवर सिंड्रोम के कारण भी हो सकते हैं। यह सिंड्रोम जेनेटिक डिफेक्ट का कारण भी हो सकता है। बार-बार बुखार आना पीरियोडिक फीवर सिंड्रोम के कारण होता है। जिसकी वजह से भी शरीर का टेंपरेचर अपडाउन हो सकता है। इसके कई और कारण भी हो सकते हैं।

जैसे-
वा

सजीव इंफेक्शन

दवा

बार-बार बुखार आने पर यह विशेष काम कर सकते हैं

बार-बार बुखार आने की स्थिति में आप इसका इलाज सामान्य बुखार की तरह ही करें।

जमा सारा पानी पिएं

अगर आपके बच्चे को बार-बार बुखार आता है तो उसकी सांस लेने के तरीके का ध्यान रखें।

अगर बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और बच्चे का बुखार 5 दिन से ज्यादा है। तो डॉक्टर को संपर्क करें।

बुखार कितना देर और किस दिन तक हो रहा है इस पर जरूर ध्यान दें।

बार-बार बुखार आने की स्थिति में विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।

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Umesh Solanki

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