गर्भवती महिलाओं को सांप क्यों नहीं काटते मिथ्स, ब्रह्मवैवर्त पुराण एस्ट्रो स्पेशल की कहानी में छिपा है राज

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गर्भावस्था और संके मिथक हिंदी में: सनातन हिंदू धर्म से कई परंपराएं और मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। ये जातक बहुत से लोग हैं। तो वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इन झुंझलाहट को केवल मिथक का नाम देते हैं। लेकिन शास्त्रों और वेद-पुराणों में बताई गई इन अटकलों के बारे में सभी को निश्चित रूप से जानना चाहिए।

कई जुड़वाँ में एक मान्य मान्यता है कि प्रेग्नेंसी महिलाओं को कभी सांप अवैध नहीं हैं। दावा तो यह भी किया जाता है कि प्रेग्नेंट महिला को देखकर सांप का अंगड़ा हो जाता है। कहा जाता है कि महिला गर्भवती होने से ही सांप उसके पास नहीं जाता है। यह सुनकर आपकी भी रानी अवश्य ही हुई होगी और सोचती होगी कि भला बुरा कैसे हो सकता है और इसके पीछे क्या कारण है। तो आपको बता दें कि इस तथ्य का वर्णन ब्रह्मवैवर्त पुराण में मिलता है।

प्रेग्नेंट महिला को क्यों नहीं सन्निकट सांप

धर्म रीलों

प्रकृति ने सांप को कुछ विशेष इंद्रियां प्रदान की हैं जिससे वह बड़ी सहजता से यह जान लेती है कि कोई महिला प्रेतवाधित है या नहीं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गर्भावस्था के बाद महिला के शरीर में कुछ ऐसे तत्वों का निर्माण होता है जिसे सांप आसानी से पहचान लेता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि प्रेग्नेंट महिला की पहचान करने के बाद फाइनल स्नेक उसे सूटकेस क्यों नहीं है। इसी प्रश्न का उत्तर आपको ब्रह्मवैवर्त पुराण की एक कथा में मिलेगा। जानते हैं इस कथा के बारे में।

ब्रह्मवैवर्त पुराण की कथा से जानें प्रेक्षित महिला को क्यों नहीं लक्ष्मण सांप हैं

ब्रह्मवैवर्त पुराण की कथा के अनुसार, एक बार एक भविष्यवाणी स्त्री शिवालय में भगवान शिव की तपस्या कर रही थी। वह तपस्या में पूरी तरह से लीन थी। शिवालय में दो सांप आ गए और प्रेग्नेंट महिलाओं को परेशान करने लगे। इस कारण स्त्री का ध्यान भंग हो गया। भंग होने के कारण स्त्री के गर्भ में पल रहे शिशु ने पूरे सर्प वंश को श्राप दे दिया कि आज के बाद कोई भी सांप, नाग और नागिन जब भी किसी प्रेक्षित महिला के पास जाएगा तो वो अंग हो जाएगा। इस घटना के बाद से ही ऐसी मान्यता प्रचलित हो गई है कि प्रेग्नेंसी महिला सांप को देखकर सांप को रास्ता नहीं देती है। एक मान्यता तो यह भी है कि प्रेग्नेंट महिला को कभी सांप के सपने भी नहीं दिखते। कथा में यह भी बताया गया है कि इस स्त्री के गर्भ से जन्म शिशु आगे जाकर श्री गोगा जी देव, श्री तेजा जी देव और विषवीर के नाम से प्रसिद्ध हुए।

प्रेग्नेंसी को सांप काटने के वैज्ञानिक कारण

प्रेक्षण को सांप काटने के पीछे केवल धार्मिक मान्यता ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण भी है। वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि गर्भावस्था के बाद शरीर में कुछ तत्वों का निर्माण होता है और कई बदलाव भी आते हैं। इसमें सबसे अहम होता है हार्मोन्स का सिक्रिएशन होना। इसलिए गर्भावस्था में स्त्री के स्वभाव, बनावट और रंग आदि में बदलाव आ जाता है। वैज्ञानिकों को लगता है कि शायद महिलाओं के शरीर में इसी हारमोन्स का पता सांप को लग जाएगा और वो उसके पास नहीं जाने अपना रास्ता बदल लेंगे। हालांकि इस बात की पूरीत: पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन गलत: ऐसा ही होता है।

इन बातों का रखें ध्यान

  • वैसे तो किसी भी व्यक्ति को सांप को नहीं मारना चाहिए। लेकिन विशेष रूप से गर्भवती महिला को कभी भी सांपों के गिरने से बचना चाहिए।
  • हिंदू धर्म में सांप को गिरा महापाप है और इसके दुष्परिणाम जन्म तक जीतना पड़ सकता है।
  • अब तक इस पर कोई खोज नहीं की गई है कि प्रेग्नेंसी फीमेल को सांप नहीं ब्रोच.
  • गर्भावस्था में सांप के करीब जाने से आपको और गर्भ में पल रहे शिशु को जाने-अंजाने में नुकसान पहुंच सकता है।
  • इसलिए यदि आप प्रेग्नेंट हैं और आपको आस-पास सांप दिखाई दे रहे हैं तो सावधान रहें।

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Umesh Solanki

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