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घर के बड़े-बुजुर्ग में अक्सर भोजन के तुरंत बाद संस्थान से मना किया जाता है। कहा जाता है कि भोजन के तुरंत बाद संस्थान से पेट में दर्द के साथ-साथ पाचन संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। प्रश्न यह है कि इसके पीछे क्या रुकावट है, इसके पीछे कोई लॉजिक नहीं है। इससे आपको पेट में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।

खाने के बाद नहाना क्यों माना जाता है खतरनाक

आप किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो सकती। बाल्टी में पानी इलेक्ट्रॉन, तरंग या बाथटब का उपयोग करके किया जाता है। सभी तरह से सुरक्षित है. लेकिन अगर आपकी टेबलेट पहले से खराब है तो लाजमी है और खराब हो सकती है। खाना खाने के बाद अक्सर खराब हो जाता है। इसलिए हमेशा खाना खाने के बाद हमेशा ठंडा पानी से नहाना चाहिए।  हां एक चीज का ध्यान रखें कि खाना खाने के बाद गर्म पानी से ना खाएं। वहीं खाने के बाद तैराकी बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इस तरह की एक्टिविटी से आपका हाजमा ख़राब हो सकता है.  खाने के बाद संस्थान से ब्लड सर्कोलिटी खराब हो जाती है। सिर्फ इतना ही नहीं पांचन तंत्र में खून की कमी हो सकती है। इसके कारण अपच, पेट में दर्द, भारीपन और अन्य तरह की समस्याएं हो सकती हैं। 

 खाने के तुरंत बाद संस्थान से होता है ये स्थान
 
नहाने से हाइपरथर्मिक प्रतिक्रिया होती है। जो शरीर के आंतरिक तापमान को एक या दो डिग्री तक बढ़ा देता है और शरीर के लिए अद्भुत साबित होता है। यह केवल रक्त संरचना में सुधार नहीं करता है बल्कि इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है। शरीर के विषाक्त पदार्थों या कणों को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है। हालाँकि, खाने के बाद आपके शरीर का तापमान पहले से ही बढ़ जाता है। जिसका कारण डाइजेस्टिव सर्जरी में ब्लड सर्कोलेटिंग बढ़ जाती है। लॉजिक यह है कि भोजन के बाद संस्थान से आपका शरीर कैन फ़्यूज़ हो सकता है और पाचन तंत्र में रक्त शर्करा बढ़ सकता है, इसके बजाय वह अन्य व्यायाम में चला जाता है। पाचन प्रक्रिया बाधित होती है। और रक्त वाहिकाओं को ठीक किया जा सकता है। जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है। दूसरी ओर गर्म स्नान से रक्तिका के फैलाव और निम्न रक्तचाप के कारण हृदय की गति बढ़ सकती है और चक्कर आ सकता है। इसलिए, खाने के तुरंत बाद संस्थान से भागने की सलाह दी जाती है कि गंदे पानी का तापमान कुछ भी हो।

नहाने के तीन घंटे बाद नहाना चाहिए

खाना खाने के लगभग एक घंटे बाद ही खाना चाहिए।  आपके पेट में ऊर्जा और मजबूत रक्त प्रवाह के लिए शरीर की आवश्यकता होती है। संस्थान से यह प्रक्रियात्मक रूप से बाधित हो सकता है क्योंकि शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए आपके संचालन में रक्त के प्रवाह को मोड़ दिया जाता है।

अस्वीकरण: इस लेख में बताई गई विधि, तरकीबें और सलाह पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित छात्र की सलाह जरूर लें।

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Umesh Solanki

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